
पीटी उषा का सपना है कि भारत एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीत कर लाए (फाइल फोटो)
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पीटी उषा को क्विन ऑफ इंडियन ट्रैक एण्ड फिल्ड भी कहा जाता है
1984 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और पद्ममश्री से सम्मानित किया गया
'एथलेटिक्स' में स्वर्ण पदक आने के बाद ही बायोपिक की इजाजत देंगी उषा
पहलवान महावीर फोगट और उनकी बेटियां गीता और बबीता फोगट के जीवन पर बनी फिल्म दंगल की अपार सफलता सभी ने अभी हाल ही में देखी है. इससे पहले महिला मुक्केबाज़ मैरी कॉम का जीवन पर्दे पर आया और यह फिल्म भी हिट हुई. धावक पान सिंह तोमर पर बनी फिल्म भी खूब सराही गई. आने वाले दिनों में सानिया मिर्जा और सानिया नेहवाल पर भी फिल्में बनाने की घोषणा हो चुकी है. मगर 'उड़नपरी' कहलाने वाली मशहूर धाविका पिलावुल्लकण्टि तेक्केपरम्पिल् उषा यानी पीटी उषा अपनी ज़िन्दगी पर फिल्म बनाने कि इजाज़त नहीं दे रही हैं.
ऐसा नहीं है कि पीटी उषा की ज़िन्दगी पर बनने वाली फिल्म से उन्हें ऐतेराज़ है, बल्कि वे सिर्फ इंतज़ार कर रही हैं उस दिन का जब भारत को एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक मिले. दरअसल, पीटी उषा का सपना है कि भारत को एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक मिले और इसका वे इंतज़ार कर रही हैं. जिस दिन भारत को एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक मिल जाएगा उस दिन उषा अपनी ज़िन्दगी पर फिल्म बनाने कि इजाज़त दे देंगी.
दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान 52 वर्षीय पीटी उषा ने कहा कि उनके पास हर रोज़ ऑफर आते हैं उनके जीवन पर फिल्म बनाने के लिए, मगर वे किसी को भी इजाज़त नहीं दे रही हैं.
उषा ने कहा कि करीब-करीब हर रोज़ उनके पास तीन से चार फ़ोन आते हैं और सभी उनके जीवन और खेल के सफर पर फिल्में बनाना चाहते हैं मगर वे सभी से कहती हैं कि ये सही समय नहीं है. जिस दिन भारत एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतेगा उस दिन उनका सपना पूरा होगा और वे फ़िल्मकार को अपने जीवन पर फिल्म बनाने कि अनुमति दे देंगी.
पीटी उषा अभी युवा धावकों को अपनी अकादमी में 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक खेलों के लिए तैयार कर रही हैं. यानी अगर 2020 में कोई धावक भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब होता है तब दर्शक पीटी उषा की ज़िन्दगी को पर्दे पर देख सकते हैं.
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