यह ख़बर 23 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

देवयानी मामले में भारत, अमेरिका के बीच गतिरोध का समाधान निकलने का संकेत

नई दिल्ली:

वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के मामले में बने गतिरोध पर भारत और अमेरिका के बीच समाधान निकलने का पहला संकेत सोमवार को मिला जब देवयानी को न्यूयॉर्क की एक अदालत में निजी तौर पर पेशी से छूट प्रदान की गयी जो उनके खिलाफ वीजा धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई कर रही है।

उधर, देवयानी को संयुक्त राष्ट्र में उनके तबादले के बाद मान्यता मिल गई है।

न्यूयार्क में 12 दिसंबर को गिरफ्तारी किये जाने और जमानत पर रिहा होने के बाद देवयानी को पूर्ण राजनयिक छूट प्रदान करने के लिए सरकार ने उनका तबादला संयुक्त राष्ट्र में भारत के मिशन में कर दिया था। उनकी नियुक्ति को मान्यता के बाद अमेरिका के विदेश विभाग में कुछ कागजी कार्रवाई होने की संभावना है जिसके लिए भारत पहले ही कागजात सौंप चुका है।

इसी के साथ, अदालत में निजी पेशी से छूट को उनकी गिरफ्तारी और वस्त्र उतरवाकर की गयी तलाशी से उत्पन्न गतिरोध दूर करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। देवयानी के साथ बदसलूकी पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और भारत उनके खिलाफ बिना शर्त आरोप हटाने के लिए अमेरिका पर दबाव डाल रहा है।

सूत्रों के अनुसार देवयानी खोबरागड़े के वकील ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें मामले में निजी तौर पर पेशी से छूट दी जाए। न्यूयॉर्क में मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तारीख तय की गयी है।

न्यूयार्क में उपमहावाणिज्यदूत देवयानी (39) 12 दिसंबर को जब अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थीं तब वीजा फर्जीवाड़ा के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। 2,50,000 डालर का मुचलका भरने के बाद उन्हें छोड़ा गया था। वह 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं।

इसी बीच दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने उसके और उसके अधिकारियों के यहां नौकरी पर रखे गए भारतीयों के लिए वीजा और अन्य विवरण जमा करने की आज की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। भारत में तैनात अमेरिकी राजनयिकों को इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि काम पर रखे गए भारतीयों को कितनी तनख्वाह दी जा रही है।

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समय सीमा बढ़ाई गयी है या नहीं, इस पर आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'कल फैसला लिया जाएगा।'