प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
ये हफ़्ता शुरू हुआ और भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम उल्लंघन का मामला सामने आ गया। दोनों देश इसके लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इस टकराव के बीच सबकी नज़र अब पाकिस्तानी रेंजर्स के डेलिगेशन पर है जो बुधवार को दिल्ली आ रहा है। उन्हें बीएसएफ़ अमृतसर से अपने विमान में दिल्ली लाएगी। यहां तीन दिन तक इनकी बैठक चलेगी। तीन दिन चलने वाली इस बैठक में युद्धविराम उल्लंघन सबसे अहम मुद्दा होगा।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान चाहता है, इस मामले में संयुक्त राष्ट्र मध्यस्थ बने। भारत का कहना है, बातचीत दोनों देशों के बीच ही होगी। भारत युद्धविराम उल्लंघन और आतंकी घुसपैठ को जोड़कर देखता रहा है।
देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है, 'आतंक सिर्फ़ भारत के लिये नहीं पूरी दुनिया के लिये खतरा है।' भारत का आरोप है कि इस साल पाकिस्तान की ओर से 420 से ज़्यादा बार युद्धविराम उल्लंघन हुए हैं। इस टकराव में दोनों तरफ के नेताओं के बयान घी डालते रहे हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज़ अज़ीज़ ने फिर चेतावनी दी है कि भारत ने कोई कार्रवाई की तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू का कहना है, 'बात आगे बातचीत से ही बढ़ेगी डराने धमकाने से नहीं।' पाकिस्तान की नज़र भी इस बातचीत पर है।
सरताज़ अज़ीज़ फिर दुहरा रहे हैं कि बातचीत में कश्मीर भी होगा। अंदेशा है कि बातचीत की सूई फिर अटकी न रह जाए। कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है, 'जानबूझ कर मुद्दे पेचीदे बनाये जा रहे हैं, बातचीत करनी पड़ेगी ही।' दरअसल ये बातचीत इसलिये अहम है क्योंकि ये बातचीत तय करेगी कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री इस महीने न्यूयॉर्क में मिलेंगे कि नहीं।
इस टकराव के बीच सबकी नज़र अब पाकिस्तानी रेंजर्स के डेलिगेशन पर है जो बुधवार को दिल्ली आ रहा है। उन्हें बीएसएफ़ अमृतसर से अपने विमान में दिल्ली लाएगी। यहां तीन दिन तक इनकी बैठक चलेगी। तीन दिन चलने वाली इस बैठक में युद्धविराम उल्लंघन सबसे अहम मुद्दा होगा।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान चाहता है, इस मामले में संयुक्त राष्ट्र मध्यस्थ बने। भारत का कहना है, बातचीत दोनों देशों के बीच ही होगी। भारत युद्धविराम उल्लंघन और आतंकी घुसपैठ को जोड़कर देखता रहा है।
देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है, 'आतंक सिर्फ़ भारत के लिये नहीं पूरी दुनिया के लिये खतरा है।' भारत का आरोप है कि इस साल पाकिस्तान की ओर से 420 से ज़्यादा बार युद्धविराम उल्लंघन हुए हैं। इस टकराव में दोनों तरफ के नेताओं के बयान घी डालते रहे हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज़ अज़ीज़ ने फिर चेतावनी दी है कि भारत ने कोई कार्रवाई की तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू का कहना है, 'बात आगे बातचीत से ही बढ़ेगी डराने धमकाने से नहीं।' पाकिस्तान की नज़र भी इस बातचीत पर है।
सरताज़ अज़ीज़ फिर दुहरा रहे हैं कि बातचीत में कश्मीर भी होगा। अंदेशा है कि बातचीत की सूई फिर अटकी न रह जाए। कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है, 'जानबूझ कर मुद्दे पेचीदे बनाये जा रहे हैं, बातचीत करनी पड़ेगी ही।' दरअसल ये बातचीत इसलिये अहम है क्योंकि ये बातचीत तय करेगी कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री इस महीने न्यूयॉर्क में मिलेंगे कि नहीं।
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