चीन के साथ सीमा विवाद के बीच मारक राफेल विमान (Rafale jets) देश में आने के साथ भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) अपनी क्षमताओं में लगातार इजाफा करने में जुटी है.इसके तहत इस लड़ाकू विमान को फ्रांस की HAMMER मिसाइल (HAMMER missiles from France) से लैस करने की तैयार है. मोदी सरकार की ओर से सशस्त्र बलों को आपातकालीन शक्तियों के तहत 60 से 70 KM की रेंज में किसी भी टारगेट पर निशाना साधने में सक्षम HAMMER मिसाइलों के लिए आदेश को आगे बढ़ाया गया है. समाचार एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा, "HAMMER मिसाइलों के लिए आदेश पर कार्रवाई की जा रही है और फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमारे राफेल लड़ाकू विमान के लिए एक छोटे नोटिस पर उन्हें आपूर्ति करने पर सहमति जताई है."
देश में लड़ाकू विमान राफेल आएंगे लेकिन खुले आसमान के नीचे खड़े रहेंगे, क्योंकि...
उन्होंने कहा कि एयरफोर्स की ओर से इन मिसाइलों की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर, फ्रांसीसी अधिकारी कुछ अन्य कस्टमर्स के लिए मौजूदा स्टॉक से इसे डिलीवर करेंगे. गौरतलब है कि HAMMER (Highly Agile Modular Munition Extended Range) एक मध्यम श्रेणी का एयर-टू-ग्राउंड हथियार है जिसे शुरूआत में फ्रांसीसी एयरफोर्स और नेवी के लिए डिज़ाइन और निर्मित किया गया था. सूत्रों ने कहा कि HAMMER भारत को पूर्वी लद्दाख जैसे पर्वतीय स्थानों सहित किसी भी इलाके में किसी भी बंकर या कठोर आश्रयस्थल को टारगेट करने की क्षमता देगा. IAF के एक प्रवक्ता ने नए अधिग्रहण से संबंधित घटनाक्रम की पुष्टि या खंडन करने से इनकार कर दिया.
भारतीय वायुसेना को मिली अपाचे फाइटर हेलीकॉप्टर की आखिरी खेप, इन खूबियों से हैं लैस..
पांच राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale Jets) की पहली खेप को 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने की संभावना है. यह बात एक आधिकारिक बयान में कही गई. भारतीय वायुसेना ने कहा कि इन विमानों को शामिल किए जाने से संबंधित अंतिम समारोह अगस्त के दूसरे पखवाड़े में होगा. भारतीय वायुसेना के पांच राफेल विमानों की पहली खेप के जुलाई के अंत तक भारत पहुंचने की संभावना है. विमान को अंबाला वायुसेना स्टेशन में 29 जुलाई को शामिल किए जाने की संभावना है.आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किए जाने की संभावना है, जिससे कि भारतीय वायुसेना चीन के साथ विवाद के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी अभियानगत क्षमताओं को मजबूत कर सके.
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