नाएला बलूच (फाइल फोटो)
वाराणसी:
विश्व बलूच महिला फोरम की अध्यक्ष नाएला कादिर बलूच ने भारत सरकार से आजाद बलूचिस्तान की मांग पर अपनी सहमति व्यक्त करने की मांग की है.
वाराणसी में गंगा महासभा और एक स्थानीय समाचारपत्र की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आईं नाएला ने कहा, ‘‘पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ रहे बलूचों को भारत से बहुत उम्मीदें हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनियाभर में रह रहे बलूचों की मदद के लिए भारत के आगे आने से हिंदुस्तानियों और बलूचों में संवाद कायम होगा. हम नजदीक आकर यह तय कर सकेंगे कि बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार का स्वरूप कैसा हो.’’
नाएला ने कहा, ‘‘बलूचों को भारत सरकार से हर प्रकार की मदद की उम्मीद है. लेकिन आजाद बलूचिस्तान की मांग पर अब तक भारत सरकार से हमें समर्थन नहीं मिला है. हालांकि यहां की सिविल सोसाइटी और विभिन्न संगठनों के लोग हमारे साथ हैं.’’ आजाद बलूचिस्तान के लिए भारत सरकार क्या कर सकती है? इस सवाल पर नाएला का सुझाव था, ‘‘दुनिया के जितने देशों में भारतीय दूतावास हैं, वे बलूचों को हिन्दुस्तान आने और यहां बसने में मदद करें. वीजा देते वक्त बलूचों को पाकिस्तानी न समझा जाए. जिस तरह पाकिस्तान से आने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों को यहां विशेष सुविधाएं मिली हुई हैं, वैसा ही सलूक बलूचों के साथ हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बलूचिस्तान न कभी पाकिस्तान का हिस्सा था और न रहेगा.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वाराणसी में गंगा महासभा और एक स्थानीय समाचारपत्र की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आईं नाएला ने कहा, ‘‘पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ रहे बलूचों को भारत से बहुत उम्मीदें हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनियाभर में रह रहे बलूचों की मदद के लिए भारत के आगे आने से हिंदुस्तानियों और बलूचों में संवाद कायम होगा. हम नजदीक आकर यह तय कर सकेंगे कि बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार का स्वरूप कैसा हो.’’
नाएला ने कहा, ‘‘बलूचों को भारत सरकार से हर प्रकार की मदद की उम्मीद है. लेकिन आजाद बलूचिस्तान की मांग पर अब तक भारत सरकार से हमें समर्थन नहीं मिला है. हालांकि यहां की सिविल सोसाइटी और विभिन्न संगठनों के लोग हमारे साथ हैं.’’ आजाद बलूचिस्तान के लिए भारत सरकार क्या कर सकती है? इस सवाल पर नाएला का सुझाव था, ‘‘दुनिया के जितने देशों में भारतीय दूतावास हैं, वे बलूचों को हिन्दुस्तान आने और यहां बसने में मदद करें. वीजा देते वक्त बलूचों को पाकिस्तानी न समझा जाए. जिस तरह पाकिस्तान से आने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों को यहां विशेष सुविधाएं मिली हुई हैं, वैसा ही सलूक बलूचों के साथ हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बलूचिस्तान न कभी पाकिस्तान का हिस्सा था और न रहेगा.’’
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