देश अस्थिर प्रशासन से जूझ रहा है और पीएम 'शांति के शुभंकर' बनकर दुनिया घूम रहे हैं : शिवसेना

देश अस्थिर प्रशासन से जूझ रहा है और पीएम 'शांति के शुभंकर' बनकर दुनिया घूम रहे हैं : शिवसेना

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

मुंबई:

गुजरात और देश के कुछ अन्य हिस्सों में हुई हिंसा के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि ये घटनाएं दिखाती हैं कि देश अस्थिर प्रशासन से जूझ रहा है, जबकि प्रधानमंत्री 'शांति के शुभंकर' बनकर दुनिया भर में घूम रहे हैं।

'बंदूक से शांति कायम करना स्थिर प्रशासन का संकेत नहीं'
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा, 'एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी शांति के शुभंकर बनकर दुनिया भर में घूम रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ उनका गुजरात जल रहा है। लोगों के दिमाग में क्या है, यह गुजरात में दिख रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में यदि पुलिस को हाथों में बंदूक लेकर शांति कायम करनी पड़े, तो यह स्थिर प्रशासन का संकेत नहीं है।' पार्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने शांति भंग कर रखी है, जबकि जम्मू-कश्मीर में प्रशासन चरमरा गया है और देशद्रोहियों की चांदी है।

'भारत माता की जय पर दोहरा रवैया'
'सामना' में कहा गया कि एक तरफ बीजेपी कहती है कि भारत-समर्थक नारे न लगाने वालों को देश में रहने का हक नहीं है, जबकि दूसरी तरफ वह एक ऐसी सरकार का हिस्सा बन जाती है, जिसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो 'भारत माता की जय' बोलने से इनकार करते हैं। शिवसेना ने सवाल उठाया, 'हार्दिक पटेल ने आरक्षण के नाम पर हिंसा भड़काई। लिहाजा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन क्या उस पर देशद्रोही होने का फर्जी आरोप लगाकर उसे जेल भेजना सही है?' पार्टी ने कहा, 'बीजेपी आलाकमान जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए ऐसे लोगों से बातें करते हैं, जो पाकिस्तान का पक्ष लेते हैं, लेकिन गुजरात में अपने ही लोगों से बात करने में उन्हें अहं की समस्या आ जाती है। यह किसी योग्य शासक का गुण नहीं है।'

'अहं छोड़कर समाधान तलाशें'
संपादकीय में कहा गया कि मोदी का समर्थन करने वाले नौजवान पटेल की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ सड़कों पर उतरने लगे हैं। शिवसेना ने कहा, 'हार्दिक पटेल और कन्हैया कुमार जैसे लोगों ने चुनौती पेश कर दी है। आपको (बीजेपी को) शांति से बैठकर सोचने और अपने अहं को किनारे रखकर कोई समाधान तलाशने की जरूरत है।'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)