आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण - 'आकाश प्राइम' का सोमवार को शाम करीब साढ़े चार बजे ओडिशा के चांदीपुर में टेस्ट रेंज से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. सुधार के बाद अपने पहले उड़ान परीक्षण में, मिसाइल ने एक मानव रहित हवाई लक्ष्य को रोका और उसे नष्ट कर दिया. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने समाचार विज्ञप्ति में कहा, 'मौजूदा आकाश प्रणाली की तुलना में, आकाश प्राइम बेहतर सटीकता के लिए एक स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर से लैस है.
अन्य सुधार भी उच्च ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में अधिक विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करते हैं. परीक्षण के लिए मौजूदा आकाश हथियार प्रणाली की एक मोडिफाइड ग्राउंड सिस्टम का इस्तेमाल किया गया.
#DRDO successfully tested #Akaash prime #missilehttps://t.co/SMGlNSfnqS intercepted and destroyed an unmanned aerial target.@DRDO_Indiapic.twitter.com/HoyTI7zi8s
— Rajeev Ranjan (@Rajeevranjantv) September 27, 2021
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को आकाश प्राइम के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण विश्व स्तरीय मिसाइल प्रणालियों के डिजाइन और विकास में डीआरडीओ की क्षमता को साबित करता है।
डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि आकाश प्राइम सिस्टम भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा. गौरतलब है कि भारत लगातार अपनी मिसाइलों के परीक्षण के जरिये उनकी ताकत बढ़ाने की कोशिश में जुटा है. भारत के पास पृथ्वी,अग्नि, आकाश, ब्रह्मोस जैसी कई खतरनाक मिसाइलें हैं. ब्रह्मोस मिसाइल भारत ने रूस के साथ मिलाकर विकसित की है. इस मिसाइल को खरीदने में कई अन्य देशों ने भी रुचि दिखाई है. भारत के पास राफेल, सुखोई जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान भी हैं.