
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (Mutant Coronavirus) को लेकर केंद्र सरकार ने कमर कसते हुए नए आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार के नए आदेश के अनुसार 9 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच भारत आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में अगर लक्षण मिलते हैं और वह संक्रमित पाए जाते हैं तो उनके सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे. अगर ऐसे यात्रियों में लक्षण नहीं पाए जाते तो ICMR गाइडलाइन्स के हिसाब से उनको पांचवें और दसवें दिन RT-PCR टेस्ट करके चेक किया जाएगा. अभी तक केवल ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के बारे में ऐसे दिशा-निर्देश थे.
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि 10 लैब्स जीनोम सिक्वेंसिंग में लगे हुए हैं. इनका कंसोर्टियम बनाया गया है जिसका नाम INSACOG है. ब्रिटेन की खबर से पहले 5,000 जीनोम सिक्वेंसिंग इन लैब्स में की जा चुकी है.
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वहीं प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजय राघवन ने कहा, 'ऐसा कोई प्रमाण नहीं कि वैक्सीन नए कोरोना वैरिएंट के ख़िलाफ़ काम नहीं करेगी. वैक्सीन हमारे इम्यून सिस्टम में एंटीबाडीज की वाइड रेंज बढ़ाते हैं. ऐसा कोई प्रमाण कि नया कोरोना वैरिएंट बीमारी की गंभीरता बढ़ाता हो लेकिन संक्रमण बढ़ने पर अस्पताल में मरीज़ ज़रूर बढ़ सकते हैं.
बता दें कि भारत में भी यूके वाले कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन (Coronavirus New Strain) की एंट्री हो गई है. ब्रिटेन से लौटने वाले छह मरीज इस म्यूटेंट कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इन सभी लोगों को सिंगल आइसोलेशन रूम में रखा गया है. इनके संपर्क में आए करीबी लोगों को भी क्वारंटाइन में रखा गया है. कुल 33,000 यात्री यूके से भारत के अलग-अलग एयरपोर्ट पर 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच आए थे, जिनमें से अभी तक 114 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनके सैंपल को जब जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया तो छह में नया स्ट्रेन मिला. इनमें से तीन सैंपल NIMHANS, बेंगलुरु, 2 CCMB, हैदराबाद और 1 NIV, पुणे में मिला है.
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इन सभी मरीजों को उनके राज्यों में खास तौर पर तैयार हेल्थकेयर फैसिलिटी में रखा गया है. उनके करीबी लोगों को भी क्वारंटाइन किया गया है. इसके अलावा, उनके सहयात्रियों, परिवार के अन्य सदस्यों और संपर्क में आए दूसरे लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. दूसरे नमूनों की भी जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है.
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