ISRO प्रमुख के सिवन का बड़ा ऐलान- अब भारत खुद अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा

ISRO News: भारत अब खुद अपना स्पेस स्टेशन (Space Station) बनाएगा. इसरो (ISRO) प्रमुख के सिवन (K Sivan) ने यह बात कही है. इसरो चीफ डॉ. के सिवन (K Sivan) ने बताया कि भारत अपना स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है.

खास बातें

  • इसरो प्रमुख के सिवन का बड़ा ऐलान
  • भारत का होगा अपना अपना स्पेस स्टेशन
  • गगनयान मिशन का ही होगा विस्तार
नई दिल्ली:

भारत अब खुद अपना स्पेस स्टेशन (Space Station) बनाएगा. इसरो (ISRO) प्रमुख के सिवन (K Sivan) ने यह बात कही है. इसरो चीफ डॉ. के सिवन (K Sivan) ने बताया कि भारत अपना स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है. यह महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट गगनयान मिशन का ही विस्तार होगा. सिवन ने बताया कि हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा. इसी के चलते भारत अपना स्पेस स्टेशन तैयार करने की योजना बना रहा है.

इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि चंद्रयान अभियान 2 जिसे चंद्र अभियान 2 भी कहा जाता है, के बाद इसरो सूर्य को लेकर अभियान शुरू करेगा. इसके तहत 2020 की पहली छमाही में आदित्य एल1 लॉन्च किया जाएगा. शुक्र के लिए एक और अंतरग्रहीय अभियान को अगले 2-3 वर्षों में लॉन्च किया जाएगा. सिवन अतंरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं. अतंरिक्ष मिशन को स्पष्ट करते हुए सिवन ने कहा कि यह मिशन गगनयान कार्यक्रम का विस्तार होगा. सिवन ने कहा, 'हमे गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा, इसलिए वृहद योजना के तहत हम भारत में अंतरिक्ष स्टेशन की योजना बना रहे हैं. हम मानव युक्त चंद्र अभियान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा होंगे. हमारे पास अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए स्पष्ट योजना है. हम अलग अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. हम (आईएसएस) उसका हिस्सा नहीं हैं. हमारा अंतरिक्ष स्टेशन बहुत छोटा होगा. हम एक छोटा मॉड्यूल लॉन्च करेंगे, जिसका इस्तेमाल माइक्रोग्रैविटी प्रयोग के लिए किया जाएगा.'

अंतरिक्ष स्टेशन का वजन करीब 20 टन होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन की योजना बनाते समय इसरो अंतरिक्ष पर्यटन के बारे में नहीं सोच रहा है. सिवन ने कहा कि 2022 तक पहले गगनयान मिशन के बाद इस परियोजना को मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा. उन्हें इस परियोजना के क्रियान्वयन में 5-7 साल लगने की उम्मीद है. हालांकि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आने वाली लागत के संबंध में उन्होंने कुछ नहीं कहा. फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ही एक मात्र ऐसा स्टेशन है जो पूरी तरह काम कर रहा है. यहां अंतरिक्ष यात्री तमाम प्रयोग करते हैं. चीन की भी अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना है.

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बता दें कि इससे पहले इसरो (ISRO) प्रमुख ने कहा था कि भारत का दिसंबर 2021 तक अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा था कि हम अपने गगनयान प्रोजेक्ट की मदद से ऐसा कर पाने में सफल होंगे. अगर हम निर्धारित समय के अंदर ऐसा कर पाते हैं तो हमारा देश विश्व का चौथा ऐसा देश होगा जो अपने बल पर अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेज सकेगा. इसरो (ISRO) प्रमुख के सिवन ने बताया था कि भारत इस साल अप्रैल तक चंद्रयान-2 के भी लांचिंग की तैयारी में है. बता दें कि गगनयान प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले साल पीएम मोदी ने की थी. 

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मालूम हो कि अपनी पृथ्वी के चंद्रमा की ओर भारत का दूसरा मिशन 'चंद्रयान 2' श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को लगभग आधी रात को रवाना होगा. इस वक्त ISRO 3.8 टन वज़न वाले उपग्रह को अंतिम रूप दे रहा है, जिस पर देश का 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च हुआ है. प्रक्षेपण के बाद उपग्रह 'चंद्रयान 2' को कई हफ्ते लगेंगे, और फिर वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. गौरतलब है कि यह चंद्रमा का वह हिस्सा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है. NDTV के साइंस एडिटर पल्लव बागला से खास बातचीत में ISRO के असिस्टेंट साइंटिफिक सेक्रेटरी विवेक सिंह ने कहा कि यह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अब तक का सबसे जटिल मिशन है, जिस पर 1,000 करोड़ रुपये से कम खर्च हुआ है.

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