अब आप सरकारी बॉन्ड्स में सीधे कर सकते हैं निवेश. फाइल फोटो
नई दिल्ली:
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारत में शुक्रवार को एक ट्रिलियन डॉलर की कीमत के सरकारी बॉन्ड मार्केट को व्यक्तिगत निवेशकों के लिए खोल दिया गया है. इसका मतलब यह है कि अब कोई भी व्यक्ति सरकारी बॉन्ड सीधे खरीद कर उसमें निवेश कर सकता है और मुनाफा कमा सकता है. यहां पढ़ें सरकार के इस फैसले से जुड़ी 10 अहम बातें:
- एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत का इन बॉन्ड्स के जरिए मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक 12.05 ट्रिलियन रुपए जमा करने का प्लान है. पैनडेमिक के बाद ग्रोथ को बढ़ाने के लिए इस इनवेस्टमेंट प्लान का सहारा लिया जा रहा है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि इस नई स्कीम के जरिए छोटे निवेशक भी देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति में हिस्सेदार बन सकते हैं.
- पीएम मोदी ने कहा कि छोटे निवेशकों को इस सुरक्षित निवेश पर अच्छे रिटर्न का आश्वासन दिया जाएगा और सरकार को बुनियादी ढांचे के विकास और एक नए भारत के निर्माण के लिए आवश्यक संसाधन मिलेंगे.
- विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सरकारों ने लंबे समय से व्यक्तियों को बांड में निवेश करने की अनुमति दे रखी है. आमतौर पर अन्य निवेशों की तुलना में यह छोटे रिटर्न प्रदान करते हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है.
- भारत अपने सरकारी बॉन्ड को आमजन तक आसानी से पहुंचाने के लिए ब्राजील, फिलीपींस और बांग्लादेश जैसे अन्य उभरते देशों का अनुसरण कर रहा है.
- शुक्रवार से पहले तक भारत में व्यक्तिगत निवेशक केवल म्यूचुअल फंड और अन्य अप्रत्यक्ष सुविधाओं के जरिए ही सरकारी बॉन्ड खरीद सकते थे. अब वे केंद्रीय बैंक के साथ खातों के माध्यम से सीधे उन में ₹ 10,000 जितना कम निवेश कर सकते हैं.
- बॉन्ड विशेषज्ञ इसे अगले साल की शुरुआत में वैश्विक बांड बाजार सूचकांकों में भारत के संभावित समावेश से पहले एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखते हैं, जिससे सरकार को विदेशी निवेशकों से अधिक धन जुटाने में मदद मिल सकती है.
- मेकलाई फाइनेंशियल के श्रीनिवासन एमवी ने कहा, अगर हम बॉन्ड मार्केट में काफी सारे विदेशी निवेश की अनुमति देने जा रहे हैं तो हमें इसे घरेलू निवेशकों के साथ भी संतुलित करना चाहिए, ताकि हमें ज्यादा स्थिरता मिले.
- भारत ने अप्रैल से सितंबर के बीच मुख्य रूप से संस्थागत निवेशकों से 7.02 ट्रिलियन रुपए जुटाए हैं.
- श्रीनिवासन का मानना है कि कम ब्याज वाले दीर्घकालिक सरकारी बॉन्ड्स को लेकर निवेशक कितने उत्साहित होंगे यह कहना अभी मुश्किल है, खासकर जब ब्याज दरें बढ़ने की ओर अग्रसर हैं क्योंकि वैश्विक केंद्रीय बैंक बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए मौद्रिक नीति को सख्त करने में जुटा है.ऐसे में हो सकता है कि यह तुरंत न भी उठें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)