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This Article is From Dec 03, 2015

भारत को 3 विमानवाहक पोत की जरूरत : वाइस एडमिरल सुरिंदर पाल सिंह चीमा

भारत को 3 विमानवाहक पोत की जरूरत : वाइस एडमिरल सुरिंदर पाल सिंह चीमा
फाइल फोटो
नई दिल्ली: नौसेना का काम सिर्फ देश की समुद्री सीमा की रक्षा ही नहीं समुद्री व्यापार की सुरक्षा भी है। देश का 70 फीसदी व्यापार समंदर के रास्ते होता है। तेल समंदर के रास्ते आता है, तो देश की तरक्की और उन्नति में नौसेना का भी योगदान है। पश्चिमी नौसेना कमांड के प्रमुख, वाइस एडमिरल सुरिंदर पाल सिंह चीमा ने पत्रकारों को ये जानकारी दी।

नौसेना दिवस एक दिन पहले भारत की सबसे बड़ी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर एक पत्रकार परिषद में उन्होंने बताया कि भारत को समुद्री सीमा को देखते हुए 3 विमानवाहक पोत की जरूरत है, ताकि अगर एक में कुछ खराबी आए तो 2 विमानवाहक युद्धपोत तैनात रहे।

वाईस एडमिरल के मुताबिक 2 विमानवाहक युद्ध पोत अभी कार्यरत हैं। तीसरा अभी बन रहा है जो 2018 तक पूरा हो पाएगा। इस बीच आईएनएस विराट को साल भर में नौसेना से हटा दिया जाएगा। उसकी उम्र और रख रखाव के खर्च को ये देखते हुए फैसला लिया गया है। आईएनएस विराट को 1986 में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था।

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