Afghanistan Crisis: सभी अफगान नागरिक अब केवल ई-वीजा पर ही भारत यात्रा पर आ सकेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार को यह घोषणा की गई है. अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए फैसला किया गया है. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'अफगानिस्तान में सुरक्षा हालातों के मद्देनजर सभी अफगान नागरिकों को अब से केवल ई-वीजा पर ही भारत की यात्रा करनी चहिए.'मंत्रालय की ओर से यह फैसला उस वक्त किया गया है जब कुछ दिनों पहले ही सरकार ने अफगान नागरिकों के लिए ‘आपातकालीन व अन्य वीजा' की शुरुआत की. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए और ‘आपातकालीन व अन्य वीजा'' की शुरुआत के माध्यम से वीजा प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के मद्देनजर यह फैसला किया गया है कि सभी अफगान नागरिक अब सिर्फ ई-वीजा पर ही भारत की यात्रा कर सकेंगे.'
गृह मंत्रालय ने यह घोषणा भी की है कि कुछ अफगान नागरिकों के पासपोर्ट खो जाने संबंधी खबरों के मद्देनजर उन सभी अफगान नागरिकों को पहले जारी वीजा तत्काल प्रभाव रद्द किये जाते हैं जो फिलहाल भारत में नहीं हैं.' मंत्रालय ने कहा, ‘भारत का दौरा करने के इच्छुक अफगान नागरिक ई-वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं.'अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत के सभी राजनयिक प्रतिष्ठान बंद हैं, इसलिए आवदेनों की छानबीन और इस पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम नयी दिल्ली में होगा.
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केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि अब कुल 626 लोगों, जिसमें से 228 भारत के नागरिक हैं, को अफगानिस्तान से निकाला गया है. इन लोगों में से 77 अफगानिस्तान में रह रहे सिख हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय दूतावास में काम कर रहे लोग, इस संख्या में शामिल नहीं हैं. भारत ने पहले ऐलान कियाथा कि वह उन लोगों को भारत आने की सुविधा प्रदान करेगा जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं. इसमें अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों को प्राथमिकता दी जाएगी.
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गौरतलब है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान लगातार अफगानिस्तान पर अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा था. वह लगातार कई प्रांतों पर कब्जा करता जा रहा था, रविवार रात को इस आतंकी संगठन के लड़ाकों ने राजधानी काबुल को भी अपने नियंत्रण में कर लिया. अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद लोगों में खौफ का माहौल है. अफगानियों को भय सता रहा है कि तालिबान के पिछले राज की तरह इस बार भी लोगों खासकर महिलाओं के साथ 'कठोर' व्यवहार किया जाएगा. लोगों के मन में 1996 से 2001 के तालिबानी शासन के दौरान व्याभिचार के दौरान सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने, स्टेडियम-चौराहों पर फांसी देने और पत्थर मारने जैसी बर्बरता की पुरानी यादें अभी भी ताजा हैं. (भाषा से भी इनपुट)
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