जम्‍मू-कश्‍मीर : कीरू जलविद्युत प्रोजेक्‍ट को लेकर पाकिस्‍तान ने ऐतराज जताया तो भारत ने दिया जवाब...

इस परियोजना को चेनाब घाटी विद्युत परियोजना लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है जो राष्ट्रीय जलविद्युत कंपनी और जम्मू कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम का संयुक्त उपक्रम है.

जम्‍मू-कश्‍मीर : कीरू जलविद्युत प्रोजेक्‍ट को लेकर पाकिस्‍तान ने ऐतराज जताया तो भारत ने दिया जवाब...

भारत का कहना है, प्रोजेक्‍ट में सिंधु जल संधि का पूरी तरह पालन किया गया है (प्रतीकात्‍मक फोटो )

नई दिल्‍ली :

पाकिस्तान (Pakistan) ने जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) में चेनाब नदी पर 624 मेगावाट की बड़ी विद्युत परियोजना ‘कीरू जलविद्युत संयंत्र'(Keeru Hydroelectric Project) की डिजाइन पर आपत्ति जताई है हालांकि भारत (India) का दावा है कि परियोजना में सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty)का पूरी तरह पालन किया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. भारत के सिंधु आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि पाकिस्तान के सिंधु आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह ने पिछले सप्ताह इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई थी. सक्सेना ने हालांकि कहा कि परियोजना की डिजाइन में सिंधु जल संधि के प्रावधानों का पूरी तरह पालन किया गया है. उनके मुताबिक इसे केंद्रीय जल आयोग ने प्रमाणित किया है, जो जल संसाधन के क्षेत्र में देश का शीर्ष संस्थान है.

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परियोजना को चेनाब घाटी विद्युत परियोजना लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है जो राष्ट्रीय जलविद्युत कंपनी और जम्मू कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (जेकेएसपीडीसी) का संयुक्त उपक्रम है. सक्सेना ने कहा, ‘नदी के प्रवाह के मार्ग में ऊपर की ओर होने के नाते जिम्मेदार देश के रूप में भारत अपने अधिकारों का पूरी तरह उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है और संधि के अनुरूप पाकिस्तानी पक्ष द्वारा उठाये गये मुद्दों पर सौहार्दपूर्ण समाधान में भरोसा करता है.' उन्होंने मंगलवार को बताया था कि इस परियोजना पर पाकिस्तान की आपत्तियों पर इस साल पाकिस्तान में होने वाली स्थायी सिंधु आयोग की अगली बैठक में चर्चा हो सकती है.

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सक्सेना ने कहा, ‘आगामी बैठक में भारतीय पक्ष अपना रुख रखेगा और उम्मीद करता है कि पाकिस्तान उसे स्वीकार करेगा और बातचीत के माध्यम से उसकी आशंकाओं पर ध्यान दिया जाएगा.'गौरतलब है कि संधि में पाकिस्तान को सूचना मिलने के तीन महीने के अंदर भारत की डिजाइन पर ऐतराज जताने का अधिकार है. भारत ने इस परियोजना संबंधी जानकारी जून में पाकिस्तान को दे दी थी.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)