पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच भारत और चीन तीन महीने बाद फिर बातचीत की मेज पर आएंगे. सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 14वें दौर की ये वार्ता चीनी क्षेत्र में 12 जनवरी को सुबह 9.30 बजे चुशूल-मोल्डो के प्वाइंट पर होगी. चीन द्वारा मई 2020 में एलएसी पर यथास्थिति का उल्लंघन करने के बाद दोनों पक्षों के बीच लगातार वार्ता हो रही है. भारतीय सैन्य सूत्रों ने चीन के साथ सैन्य वार्ता पर कहा कि हम सार्थक बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं.
भारत पूर्वी लद्दाख में विवाद वाले बाकी बचे स्थानों पर मुद्दों को हल करने के लिए चीन के साथ सार्थक बातचीत चाहता है. सैन्य प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने दोनों पक्षों के बीच 20 महीने के विवाद पर 14वें दौर की सैन्य वार्ता के मद्देनजर सोमवार को यह जानकारी दी.
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सूत्रों ने बताया कि यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर चुशुल-मोल्दो बैठक स्थल पर 12 जनवरी को होगी. उन्होंने बताया कि ‘वरिष्ठ उच्च सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता सुबह 9.30 बजे शुरू होगी.बताया जा रहा है कि बातचीत मुख्य तौर पर हॉट स्प्रिंग्स इलाके में सैनिकों को हटाने पर केंद्रित होगी. उम्मीद है कि भारत डेपसांग बल्ज और डेमचोक में मुद्दों को हल करने समेत टकराव वाले सभी जगहों से जल्द से जल्द सेना हटाने पर जोर देगा. 13वें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी और यह वार्ता बेनतीजा रही थी.
भारत और चीन 18 नवंबर को वर्चुअल कूटनीतिक बातचीत में 14वें दौर की सैन्य वार्ता करने पर सहमत हुए थे, ताकि पूर्वी लद्दाख में बाकी के टकराव वाले स्थानों पर पूरी तरह से सेना को हटाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील इलाके में खूनी झड़प के बाद 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख की सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया था.
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