अमेरिकी रक्षा मंत्री एशटन कार्टर और भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
वॉशिंगटन:
भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों के बीच लश्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, दाऊद इब्राहिम, हक्कानी नेटवर्क और कश्मीर में सक्रिय दूसरे आतंकी संगठनों के बारे में लंबी बातचीत हुई है। ख़ास बात है कि यह बातचीत ऐसे वक्त हुई है जब सुरक्षा एजेंसियां, लश्कर की उस आतंकी चेतावनी से निपटने की तैयारियों में जुटी हैं, जिसमें दिल्ली में पेरिस या 26/11 जैसे आतंकी हमले की बात कही गई है।
अपने समकक्षी एशटन कार्टर के बुलावे पर सात से दस दिसंबर के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अमेरिका गए थे। दोनों के बीच हुई मुलाकात में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट के अलावा कश्मीर में सक्रिय दूसरे आतंकवादी संगठनों पर भी बातचीत हुई है। हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुलासा किया था कि जम्मू और कश्मीर से घुसे तीन या चार आतंकी ऐसे कार्यक्रम को निसाना बनाने की फिराक में थे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी हो। आतंकवादियों को उनके आकाओं से निर्देश मिला है कि अगर वो इसमें नाकामयाब रहें तो कुछ ऐसा करें जिससे देश में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगड़े और उसके दूरगामी राजनीतिक परिणाम हों।
पैसिफिक कमांड का दौरा
अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हवाई स्थित अमेरिकी पैसिफिक कमांड मुख्यालय का दौरा भी किया। इस मुख्यालय का दौरा करने वाले वह पहले भारतीय रक्षा मंत्री हैं। वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने गैस टरबाइन इंजन टैक्नोलॉजी को लेकर भारत के प्रति अपनी नीति में बदलाव किया है और इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव एश कार्टर को विश्वास है कि जेट इंजन के पार्ट्स के उत्पादन में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों ने फैसला किया कि आने वाले सालों में वायुसेना और नौसेना के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाया जाए।
अपने समकक्षी एशटन कार्टर के बुलावे पर सात से दस दिसंबर के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अमेरिका गए थे। दोनों के बीच हुई मुलाकात में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट के अलावा कश्मीर में सक्रिय दूसरे आतंकवादी संगठनों पर भी बातचीत हुई है। हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुलासा किया था कि जम्मू और कश्मीर से घुसे तीन या चार आतंकी ऐसे कार्यक्रम को निसाना बनाने की फिराक में थे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी हो। आतंकवादियों को उनके आकाओं से निर्देश मिला है कि अगर वो इसमें नाकामयाब रहें तो कुछ ऐसा करें जिससे देश में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगड़े और उसके दूरगामी राजनीतिक परिणाम हों।
पैसिफिक कमांड का दौरा
अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हवाई स्थित अमेरिकी पैसिफिक कमांड मुख्यालय का दौरा भी किया। इस मुख्यालय का दौरा करने वाले वह पहले भारतीय रक्षा मंत्री हैं। वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने गैस टरबाइन इंजन टैक्नोलॉजी को लेकर भारत के प्रति अपनी नीति में बदलाव किया है और इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव एश कार्टर को विश्वास है कि जेट इंजन के पार्ट्स के उत्पादन में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों ने फैसला किया कि आने वाले सालों में वायुसेना और नौसेना के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाया जाए।
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