नई दिल्ली:
सैन्यबलों की तैयारियों को लेकर पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा सवाल उठाये जाने के कुछ महीने बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश की रक्षा सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं और सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी रहेगी।
ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, हमने हाल के महीनों में अपनी सेना की भूमिका और उसकी तैयारी के बारे में काफी बहस देखी। मैं अपने सभी देशवासियों को एक बार फिर यकीन दिलाना चाहूंगा कि हमारी सेना और अर्धसैनिक बल हर प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। सरकार इन बलों को आधुनिक बनाने के लिए वचनबद्ध है और उन्हें जरूरी प्रौद्योगिकी एवं साज-सामान मुहैया कराने का काम जारी रखेगी।
उल्लेखनीय है कि मार्च में जनरल सिंह ने प्रधानमंत्री को एक गोपनीय पत्र भेजकर टैंको के बारूद की गंभीर कमी और सेना में हवाई रक्षा प्रणाली पुरानी पड़ने का उल्लेख किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हमारी फौज और अर्धसैनिक बलों ने शांति और युद्ध के समय हमारे देश की हिफाजत, सम्मान और बहादुरी के साथ की है। जब कभी भी जरूरत पड़ी, हमारे सैनिकों ने बड़े से बड़ा बलिदान दिया है। उन्होंने बताया कि सेना के सैनिकों और अधिकारियों के वेतन एवं पेंशन संबंधी मामलों की जांच के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है। यह समिति सेवानिवृत्त सैनिकों और अधिकारियों की पेंशन और उनके परिजन को मिलने वाली पारिवारिक पेंशन से संबंधित मुद्दों की भी जांच करेगी। समिति की सिफारिशें हासिल होने के बाद हम उन पर जल्द से जल्द फैसला करेंगे।
ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, हमने हाल के महीनों में अपनी सेना की भूमिका और उसकी तैयारी के बारे में काफी बहस देखी। मैं अपने सभी देशवासियों को एक बार फिर यकीन दिलाना चाहूंगा कि हमारी सेना और अर्धसैनिक बल हर प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। सरकार इन बलों को आधुनिक बनाने के लिए वचनबद्ध है और उन्हें जरूरी प्रौद्योगिकी एवं साज-सामान मुहैया कराने का काम जारी रखेगी।
उल्लेखनीय है कि मार्च में जनरल सिंह ने प्रधानमंत्री को एक गोपनीय पत्र भेजकर टैंको के बारूद की गंभीर कमी और सेना में हवाई रक्षा प्रणाली पुरानी पड़ने का उल्लेख किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हमारी फौज और अर्धसैनिक बलों ने शांति और युद्ध के समय हमारे देश की हिफाजत, सम्मान और बहादुरी के साथ की है। जब कभी भी जरूरत पड़ी, हमारे सैनिकों ने बड़े से बड़ा बलिदान दिया है। उन्होंने बताया कि सेना के सैनिकों और अधिकारियों के वेतन एवं पेंशन संबंधी मामलों की जांच के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है। यह समिति सेवानिवृत्त सैनिकों और अधिकारियों की पेंशन और उनके परिजन को मिलने वाली पारिवारिक पेंशन से संबंधित मुद्दों की भी जांच करेगी। समिति की सिफारिशें हासिल होने के बाद हम उन पर जल्द से जल्द फैसला करेंगे।
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