भारतीय सेना के लिए इस बार की सर्दियों में सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए काफी जोर लगाना पड़ रहा है। वजह है इस बार पहाड़ों पर इतनी बर्फबारी नहीं हुई है, जितनी की उम्मीद थी। यहीं कारण है कि सीमा पार से आतंकियों का ग्रुप भीतर घुसने की लगातार कोशिशें कर रहा है। वैसे इजरायल से मिले राडार भारतीय सेना की आंख बने हुए हैं, जिससे बच निकलना आतंकियों के लिए आसान नहीं है।
हर बार होता यह था कि कश्मीर में सर्दियों में नियंत्रण रेखा पर इस वक्त तक 20 से 25 फुट तक बर्फबारी हो जाती थी, जिससे पार पाना आतंकियों के लिए टेढ़ी खीर साबित होता था, लेकिन इस बार हालात अलग है। इस बार थोड़ी बहुत जो बर्फ गिरी थी वह कई जगहों पर पिघल गई है। नतीजतन इस बार सर्दियों में भी आतंकवादी घुसपैठ को लेकर सेना परेशान है।
हालांकि यह बात अलग है कि कम बर्फबारी पाकिस्तानी सेना के लिए आतंकियों को जम्मू कश्मीर में भेजना ज्यादा आसान साबित हो रहा है। आधिकारिक आंकड़े बताते है कि जितनी घुसपैठ की कोशिशे इन सर्दियों में अभी तक हुई हैं वह पिछले साल सर्दियों में होने वाले प्रयासों से कई गुना अधिक हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक सीमा पर पिछले तीन महीने के भीतर 80 से अधिक बड़े घुसपैठ के प्रयास जम्मू सीमा, राजौरी, पुंछ तथा कश्मीर के कुपवाड़ा, तंगधार और केरन जैसे इलाको में हुआ है ।
सेना का मानना है कि इस बार आतंकियों के घुसपैठ में इजाफा हो सकता है क्योंकि न केवल लश्कर बल्कि अफगानिस्तान के आतंकी भी सीमा पार से घुसपैठ कर सकते है जिस वजह से सरहद पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
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