द क्विंट के संस्थापक राघव बहल के नोएडा स्थित घर और दफ्तर पर आयकर विभाग ने की छापेमारी.
नई दिल्ली:
आयकर विभाग की टीम(Income Tax Department ) ने गुरुवार को द क्विंट (The Quint) वेबसाइट के मालिक राघव बहल (Raghav Bahl) के नोएडा स्थित घर और दफ्तर पर छापा मारा. यह जानकारी पीटीआई ने दी है.इनकम टैक्स विभाग की यह कार्रवाई टैक्स चोरी की आशंका पर हुई . उनके दिल्ली से सटे नोएडा वाले घर पर छापेमारी हुई. राघव बहल नेटवर्क 18 ग्रुप के संस्थापक रहे चुके हैं, इस वक्त द क्विंट वेबसाइट का संचालन करते हैं. पीटीआई के मुताबिक आयकर विभाग की टीम टैक्स से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने के मकसद से उनके घर और दफ्तर पर पहुंची.
उधर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने द क्विंट के दफ्तर पर छापेमारी के सवाल कहा कि मुझे देखना पड़ेगा कि वह कौन सा मीडिया हाउस है. उसका कारण क्या है मुझे नहीं मालुम. मेरे ख्याल में हम लोकतंत्र की आज़ादी के पूरे पूरे पक्षधर हैं. हम लोगों ने एमरजेंसी का विरोध किया था. आज लोकतंत्र में मीडिया को आलोचना का पूरा अधिकार है. वो प्रधानमंत्री और सारे वरिष्ठ मंत्रियों की की आलोचना करते हैं और सवाल पूछते हैं लेकिन अगर किसी मीडिया हाउस ने कोई भ्रष्टाचार किया है उसकी जवाबदेही होगी. लेकिन मुझे तथ्यों की जानकारी लेनी होगी.
क्या बोले राघव बहल
द क्विंट (The Quint) के संस्थापक राघव बहल ने कहा - मैं इस मामले को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सामने उठाऊंगा. जब मैं मुंबई में था, तब सुबह इनकम टैक्स के दर्जनों अफसर मेरे घर और द क्विंट दफ्तर पर सर्वे के लिए पहुंचे. हम पूरी तरह से टैक्स चुकाते हैं. हम उन्हें सभी वित्तीय दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे. मैने एक अफसर मिस्टर यादव से बात की है और उनसे अनुरोध किया है कि वह किसी भी अन्य मेल और दस्तावेज को न देखें या उठाएं, जिसमें बहुत गंभीर और संवेदनशील पत्रकारिता की सामग्री हो. अगर वो ऐसा करेंगे तो हम विरोध करेंगे. मुझे उम्मीद है कि एडिटर्स गिल्ड इस मसले पर मुझे सपोर्ट करेगा. मैने अफसरों से निवेदन किया है कि वह अपने स्मार्टफोन का दुरुपयोग कर अनाधिकारिक रूप से किसी प्रति की फोटो न लें. मैं दिल्ली के रास्ते पर हूं.
द क्विंट के एडिटर संजय पुगलिया ने कहा-अपने पॉवर का प्रयोग करिए मगर अनावश्यक दस्तावेजों को मांगकर परेशान मत करिए. नॉन रेवेन्यू जानकारियों के जरिए ऋतु कपूर की निजता भी भंग मत करिए.
एक और ट्वीट में कहा-परिस्थितिजन्य सुबूत का जुमला इनकम टैक्स इस्तेमाल कर रहा है. हां परिस्थितिजन्य सुबूत है कि राघव बहल और द क्विंट स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहा है.
राघव बहल के बारे में जानिए
दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन और फिर Faculty of Management Studies से एमबीए करने के बाद कभी प्रबंध सलाहकार के तौर पर करियर शुरू करने वाले राघव बहल बाद में मीडिया से जुड़े. दो दशक से ज्यादा का पत्रकारिता और टीवी की दुनिया का अनुभव है. 1985 में दूरदर्शन के एंकर और रिपोर्टर बने और यहीं से मीडिया की दुनिया से उनका जुड़ाव गहरा होता गया. बाद में टीवी 18 कंपनी बनाई. 1999 में उन्होंने CNBC-TV18 चैनल भी लॉन्च किया. 16 फरवरी 1996 को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर बनी उनकी कंपनी 2007 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनी. जिसके बाद कंपनी का नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज हुआ. 2012 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने कंपनी में बड़े पैमाने पर निवेश किया. फिर कंपनी में रिलायंस की हिस्सेदारी बढ़ गई. आखिरकार राघव बहल ने नेटवर्क 18 के मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर जुलाई 2014 में इस्तीफा दे दिया. दरअसल उस वक्त रिलायंस ग्रुप ने नेटवर्क 18 का अधिग्रहण कर लिया था. इसके बाद पत्नी ऋतु कपूर के साथ मिलकर उन्होंने Quintillion Media ग्रुप की स्थापना कर डिजिटल स्टार्टअप शुरू किया. राघव वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम के सदस्य भी हैं. बताया जाता है कि टीवी 18 को राघव बहल ने शून्य से शिखर तक पहुंचाया. टीवी 18 को शून्य से सौ करोड़ के रेवेन्यू तक पहुंचाकर अपनी मीडिया की दुनिया में अपनी एक पहचान कायम की.
बड़ी खबर: देखिए,राघव बहल के घर छापे की खबर
उधर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने द क्विंट के दफ्तर पर छापेमारी के सवाल कहा कि मुझे देखना पड़ेगा कि वह कौन सा मीडिया हाउस है. उसका कारण क्या है मुझे नहीं मालुम. मेरे ख्याल में हम लोकतंत्र की आज़ादी के पूरे पूरे पक्षधर हैं. हम लोगों ने एमरजेंसी का विरोध किया था. आज लोकतंत्र में मीडिया को आलोचना का पूरा अधिकार है. वो प्रधानमंत्री और सारे वरिष्ठ मंत्रियों की की आलोचना करते हैं और सवाल पूछते हैं लेकिन अगर किसी मीडिया हाउस ने कोई भ्रष्टाचार किया है उसकी जवाबदेही होगी. लेकिन मुझे तथ्यों की जानकारी लेनी होगी.
क्या बोले राघव बहल
द क्विंट (The Quint) के संस्थापक राघव बहल ने कहा - मैं इस मामले को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सामने उठाऊंगा. जब मैं मुंबई में था, तब सुबह इनकम टैक्स के दर्जनों अफसर मेरे घर और द क्विंट दफ्तर पर सर्वे के लिए पहुंचे. हम पूरी तरह से टैक्स चुकाते हैं. हम उन्हें सभी वित्तीय दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे. मैने एक अफसर मिस्टर यादव से बात की है और उनसे अनुरोध किया है कि वह किसी भी अन्य मेल और दस्तावेज को न देखें या उठाएं, जिसमें बहुत गंभीर और संवेदनशील पत्रकारिता की सामग्री हो. अगर वो ऐसा करेंगे तो हम विरोध करेंगे. मुझे उम्मीद है कि एडिटर्स गिल्ड इस मसले पर मुझे सपोर्ट करेगा. मैने अफसरों से निवेदन किया है कि वह अपने स्मार्टफोन का दुरुपयोग कर अनाधिकारिक रूप से किसी प्रति की फोटो न लें. मैं दिल्ली के रास्ते पर हूं.
My note to the @IndEditorsGuild. pic.twitter.com/l1Gwmf1dDl
— Raghav Bahl (@Raghav_Bahl) October 11, 2018
द क्विंट के एडिटर संजय पुगलिया ने कहा-अपने पॉवर का प्रयोग करिए मगर अनावश्यक दस्तावेजों को मांगकर परेशान मत करिए. नॉन रेवेन्यू जानकारियों के जरिए ऋतु कपूर की निजता भी भंग मत करिए.
“Exercise” your powers @IncomeTaxIndia but do not “abuse” it by asking unnecessary papers, do not breach privacy of @kapur_ritu by taking non revenue details. You will get full cooperation in your investigation @TheQuint . But know the result of the probe - Zero! I bet.
— Sanjay Pugalia (@sanjaypugalia) October 11, 2018
एक और ट्वीट में कहा-परिस्थितिजन्य सुबूत का जुमला इनकम टैक्स इस्तेमाल कर रहा है. हां परिस्थितिजन्य सुबूत है कि राघव बहल और द क्विंट स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहा है.
There is “Jumla” in Income Tax Act- circumstantial evidence. Yes, the circumstantial evidence is @Raghav_Bahl @TheQuint’s independent and fearless journalism. That’s why IT search & survey @TheQuint. See our coverage and decide for yourself.
— Sanjay Pugalia (@sanjaypugalia) October 11, 2018
राघव बहल के बारे में जानिए
दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन और फिर Faculty of Management Studies से एमबीए करने के बाद कभी प्रबंध सलाहकार के तौर पर करियर शुरू करने वाले राघव बहल बाद में मीडिया से जुड़े. दो दशक से ज्यादा का पत्रकारिता और टीवी की दुनिया का अनुभव है. 1985 में दूरदर्शन के एंकर और रिपोर्टर बने और यहीं से मीडिया की दुनिया से उनका जुड़ाव गहरा होता गया. बाद में टीवी 18 कंपनी बनाई. 1999 में उन्होंने CNBC-TV18 चैनल भी लॉन्च किया. 16 फरवरी 1996 को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर बनी उनकी कंपनी 2007 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनी. जिसके बाद कंपनी का नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज हुआ. 2012 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने कंपनी में बड़े पैमाने पर निवेश किया. फिर कंपनी में रिलायंस की हिस्सेदारी बढ़ गई. आखिरकार राघव बहल ने नेटवर्क 18 के मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर जुलाई 2014 में इस्तीफा दे दिया. दरअसल उस वक्त रिलायंस ग्रुप ने नेटवर्क 18 का अधिग्रहण कर लिया था. इसके बाद पत्नी ऋतु कपूर के साथ मिलकर उन्होंने Quintillion Media ग्रुप की स्थापना कर डिजिटल स्टार्टअप शुरू किया. राघव वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम के सदस्य भी हैं. बताया जाता है कि टीवी 18 को राघव बहल ने शून्य से शिखर तक पहुंचाया. टीवी 18 को शून्य से सौ करोड़ के रेवेन्यू तक पहुंचाकर अपनी मीडिया की दुनिया में अपनी एक पहचान कायम की.
बड़ी खबर: देखिए,राघव बहल के घर छापे की खबर
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