आयकर विभाग की टीम ने दिल्ली और मध्य प्रदेश के 50 ठिकानों पर छापे मारे हैं. आयकर विभाग के अधिकारियों की एक टीम दिल्ली से कक्कड़ के इंदौर के पोश इलाके विजय नगर में स्थित घर तड़के तीन बजे पहुंची और वहां तलाशी शुरू कर दी. आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि दो अधिकारियों ने चुनाव के दौरान हवाले के जरिए धन का लेन-देन किया है.
लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद ही दोनों अधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था.
सूत्रों ने बताया कि ये छापे चुनाव आयोग के निर्देशों पर नहीं मारे गए हैं. एक सूत्र ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया, 'उन्हें (चुनाव आयोग) को इस छापेमारी के बारे में नहीं बताया गया. इसमें चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं है.'
अधिकारियों ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने इंदौर, भोपाल और दिल्ली (ग्रीन पार्क) में छापेमारी की. जिन लोगों पर छापेमारी की गई उनमें कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी और उनके रिश्तेदार से जुड़ी कंपनी मोजर बेयर और उनके भांजे रातुल पुरी की कंपनी शामिल है.
सूत्रों ने कहा कि कोलकाता के कारोबारी पारस लाल लोढ़ा के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. आयकर विभाग के करीब 200 अधिकारियों ने की टीम ने रविवार तड़के तीन बजे इन परिसरों पर छापेमारी शुरू की और अभी तक कुछ बेहिसाबी नकदी बरामद की गई है. यह छापेमारी मौजूदा चुनावी सीजन में संदिग्ध हवाला धन की आवाजाही और कर चोरी के लिए की गई है.
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सूत्रों ने बताया कि आयकर के छापों के दौरान जब्त दस्तावेजों की विस्तृत जांच की जा रही है. कक्कड़ राज्य पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं. उन्हें गत दिसंबर में राज्य में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ का ओएसडी नियुक्त किया गया था. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं रतलाम के निवर्तमान सांसद कांतिलाल भूरिया जब केंद्र की पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में मंत्री थे, तब कक्कड़ उनके भी ओएसडी रहे थे. कक्कड़ का परिवार हॉस्पिटैलिटी समेत विभिन्न क्षेत्रों के कारोबार से जुड़ा है.
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बता दें, इससे पहले आयकर विभाग के अधिकारियों ने कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और कांग्रेस ने इसको लेकर पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. इन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि विपक्षी पार्टियों के खिलाफ सरकार अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर रही है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चुनाव से पहले आयकर विभाग का इस्तेमाल करके विपक्षी नेताओं का मनोबल तोड़ना चाहती है.
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