
पुलिया के नीचे अपने नवजात के साथ महिला
मयूरभांज:
ओडिशा में एक ऐसा वाकया सामने आया है, जिस पर यकीन कर पाना सहसा इसलिए आसान नहीं होगा, क्योंकि गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. दरअसल, एक महीला जब गर्भवती थी, तब आज से 6 महीने पहले हाथी ने उसके घर को तोड़-फोड़ दिया. इसके बाद वह गर्भवती महिला बेघर हो गई. महीनों बाद उसने एक गंदी पुलिया के नीचे अपने बच्चे को जन्म दिया, जहां वह महिला खुद और नवजात बच्चा खतरनाक जानलेवा संक्रमण की चपेट में आ गई है.
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 310 किलोमीटर दूर मयूरभांज जिले के गांव में महिला ने पुलिया के नीचे अपने बच्चो को जन्म दिया. उसके पास रहने को छत नहीं. इतनी सारी याजनाओं के बाद भी उसे सरकार की ओर से किसी तरह की सहायता नहीं मिली. उस गांव के जिला परिषद सरीनना हमरान ने कहा कि हाथी द्वारा महिला का घर नष्ट किये जाने के बाद सरकार की ओर से उस महिला को कोई सहायता नहीं मिली.
महिला का नाम प्रमिला तिरिया बताया जा रहा है. प्रमिला इस फोटो में कंक्रीट की पुलिया के नीचे बैठी नजर आ रही है और उसके हाथ में नवजात बच्चा सोया हुआ नजर आ रहा है, जो गंदी कपड़ों में लपेटा हुआ है. इस फोटो में मां भी गंभीर हालत में दिख रही है.
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जिला परिषद सदस्य ने कहा कि तिरिया को आशा की सेवा का भी कोई लाभ नहीं मिला. बता दें कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत आशा वर्कर्स की ओर से गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखा जाता है और उनके ऊपर सुरक्षित प्रसव कराने की जिम्मेवारी होती है.
मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रमुख घटकों में से एक है, जिसका उद्देश्य देश में हर गांव को प्रशिक्षित महिला समुदाय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रदान करना है. ताकि गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो सके.
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गांव वालों ने आरोप लगाया कि यह घटना वन अधिकारी और सरकारी अधिकारियों की उदासीन रवैये को दिखाता है, जिन्होंने पिछले 6 महीने से महिला की कोई मदद नहीं की. वहीं, अब मयूरभांज के एडीएम ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि जिन अधिकारियों ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, अधिकारी ने कहा कि पहले मुझे परिस्थिति को समझने दीजिए. कुछ महीने पहले मेरे संज्ञान में आया था, कि महिला के घऱ को हाथी ने नष्ट कर दिया है. मैं अब इसकी जांच वन अधिकारियों से करवाऊंगा. उसके बाद परिवार के पुनर्आवास की व्यवस्था करेंगे.
VIDEO: आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का संसद के सामने जोरदार प्रदर्शन
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 310 किलोमीटर दूर मयूरभांज जिले के गांव में महिला ने पुलिया के नीचे अपने बच्चो को जन्म दिया. उसके पास रहने को छत नहीं. इतनी सारी याजनाओं के बाद भी उसे सरकार की ओर से किसी तरह की सहायता नहीं मिली. उस गांव के जिला परिषद सरीनना हमरान ने कहा कि हाथी द्वारा महिला का घर नष्ट किये जाने के बाद सरकार की ओर से उस महिला को कोई सहायता नहीं मिली.
महिला का नाम प्रमिला तिरिया बताया जा रहा है. प्रमिला इस फोटो में कंक्रीट की पुलिया के नीचे बैठी नजर आ रही है और उसके हाथ में नवजात बच्चा सोया हुआ नजर आ रहा है, जो गंदी कपड़ों में लपेटा हुआ है. इस फोटो में मां भी गंभीर हालत में दिख रही है.
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जिला परिषद सदस्य ने कहा कि तिरिया को आशा की सेवा का भी कोई लाभ नहीं मिला. बता दें कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत आशा वर्कर्स की ओर से गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखा जाता है और उनके ऊपर सुरक्षित प्रसव कराने की जिम्मेवारी होती है.
मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रमुख घटकों में से एक है, जिसका उद्देश्य देश में हर गांव को प्रशिक्षित महिला समुदाय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रदान करना है. ताकि गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो सके.
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गांव वालों ने आरोप लगाया कि यह घटना वन अधिकारी और सरकारी अधिकारियों की उदासीन रवैये को दिखाता है, जिन्होंने पिछले 6 महीने से महिला की कोई मदद नहीं की. वहीं, अब मयूरभांज के एडीएम ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि जिन अधिकारियों ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, अधिकारी ने कहा कि पहले मुझे परिस्थिति को समझने दीजिए. कुछ महीने पहले मेरे संज्ञान में आया था, कि महिला के घऱ को हाथी ने नष्ट कर दिया है. मैं अब इसकी जांच वन अधिकारियों से करवाऊंगा. उसके बाद परिवार के पुनर्आवास की व्यवस्था करेंगे.
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