नई दिल्ली:
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद विजय दर्डा और छह अन्य के खिलाफ मुकदमे का रास्ता साफ करते हुए इनके खिलाफ आरोप तय किए. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि दर्डा ने छत्तीसगढ़ में जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक आवंटन में धांधली की थी. विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता, पूर्व कोयला मंत्रालय अधिकारी के.एस क्रोफा और के.सी. सामरिया, जेएलडी कंपनी और उसके निदेशक मनोज कुमार जैसवाल के खिलाफ आरोप तय किए.
सभी आरोपियों ने दोषी न होने की बात कही है और साथ ही सुनवाई की मांग भी की है. इस कारण, अदालत ने इस मामले में दस्तावेज की प्रस्तुति या खंडन के लिए 16 दिसम्बर की तारीख तय की है. मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 20 फरवरी की तारीख तय की गई है. अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि जेएलडी कंपनी ने 1999-2005 तक अपनी समूह की कंपनियों को गलत तरीके से मिले चार कोयला ब्लॉकों के आवंटन की बात को छुपाया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सभी आरोपियों ने दोषी न होने की बात कही है और साथ ही सुनवाई की मांग भी की है. इस कारण, अदालत ने इस मामले में दस्तावेज की प्रस्तुति या खंडन के लिए 16 दिसम्बर की तारीख तय की है. मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 20 फरवरी की तारीख तय की गई है. अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि जेएलडी कंपनी ने 1999-2005 तक अपनी समूह की कंपनियों को गलत तरीके से मिले चार कोयला ब्लॉकों के आवंटन की बात को छुपाया था.
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