इस बार की JEE एडवांस्ड की परीक्षा में अर्चित बुबना ने देश भर रैंक 3 हासिल किया है, ये परीक्षा देश के 23 आईआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. अर्चित को 372 में 335 अंक मिले हैं. बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले अर्चित ने दिल्ली के एमेटी इंटरनेशनल स्कूल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की है. इतना ही नहीं वे अगले महीने इजरायल में होने जा रहे इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड में भी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. इससे पहले वे साल 2018 में वियतनाम में हुए एशिया फिजिक्स ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.NDTV के साथ अपनी बातचीत में अर्चित ने बताया कि JEE में सफलता के लिए छात्रों को फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स तीनों ही विषयों पर बराबर ध्यान देने की जरूरत है.
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उनका मानना है कि फिजिक्स की तैयारी के लिए किसी विदेशी राइटर के किताब की जरूरत नहीं होती, अगर एचसी वर्मा की किताब से अच्छी प्रैक्टिस कर ली जाए तो कॉन्सेप्ट पर बेहतर पकड़ हो जाएगी. सवाल को हल करने के लिए आप इरोडोव या अरिहंत पब्लिकेशन की किताब को आधार बना सकते हैं. केमिस्ट्री की तैयारी में तीनों पार्ट में फिजिकल केमिस्ट्री की तैयारी उनके लिए सबसे आसान रही. अर्चित का कहना है कि केमिकल काइनेटिक्स, थर्मोडायनेमिक्स जैसे चैप्टर के लिए हमें आरसी मुकर्जी की किताब पर फोकस करनी चाहिए. अगर हम इसके सवालों को अच्छी तरह से हल कर लेते हैं तो JEE के लिए न्यूमेरिकल में कोई दिक्कत नहीं होती है. ऑर्गेनिक केमिस्ट्री को लेकरअर्चित बताते हैं कि प्रैक्टिस ही परफेक्ट बना सकता है.
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NCERT को आधार मानकर ही तैयारी करनी चाहिए हलांकि प्रैक्टिस के लिए दूसरी किताबों से भी मदद ली जा सकती है। इन-ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की पूरी तैयारी NCERT पर ही आधारित होनी चाहिए अगर NCERT के सभी चार किताबों को अच्छे से तैयार कर लेते हैं तो अधिकतर सवाल को हल कर लेंगे. वहीं मैथेमेटिक्स को लेकर अर्चित बताते हैं इसमें फिजिक्स से ज्यादा अभ्यास की जरूरत होती है. अलजेब्रा को-ऑर्डिनेट ज्योमेट्री और कैलकुलस को लेकर अलग- अलग किताबों से सवाल बनाने की जरूरत होती है. JEE एडवांस में को-ऑर्डिनेट ज्योमेट्री में अगर हर तरह के सवालों का अभ्यास कर लिया जाए परीक्षा में सवाल छूटने की आशंका नहीं होती.
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साथ ही साथ अर्चित का कहना है कि तैयारी में सीमित सोर्स का इस्तेमाल करना चाहिए. बहुत ज्यादा किताबें और वीडियोज से भटकने का खतरा ज्यादा होता है इसलिए बेहतर है कि कुछ चुनिंदा किताबों को आधार मानकर और कोचिंग से मिलने वाले मैटेरियल का अभ्यास कर तैयारी को एक मुकाम तक लाया जाए. पढ़ाई के लिए घंटे जोड़ने की बजाय बेहतर है जितनी देर भी पढ़े वो सही दिशा में सही चीज के लिए हो. एक व्यवसायी पिता के बेटे अर्चित आगे चलकर एमआइटी से आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई करना चाहते हैं. अपनी सफलता के पीछे उन्होंने कोचिंग के अलावा नियमित 4-5 घंटे की पढ़ाई को अहम बताया, साथ ही सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉम से भी उन्होंने अपने आप को अलग रखा . फिलहाल उन्हें भारत सरकार की तरफ से युवा वैज्ञानिक प्रोत्साहन स्कॉलरशिप भी मिल रही है. इसी साल अर्चित ने 12 वीं बोर्ड की परीक्षा में 97 फिसदी अंक हासिल किये हैं.
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