अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी के यह घोषणा करने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में रैलियां करेंगे, कड़ा प्रहार करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यदि बीजेपी को 'मोदी लहर' से अपनी जीत का इतना ही भरोसा होता, तो प्रधानमंत्री को जनता को संबोधित करने के लिए बुलाया ही नहीं जाता।
उन्होंने कहा, उनकी (बीजेपी) ओर से कई बयान आए हैं जो आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कई रैलियों को संबोधित करने की मोदी की योजना का खुलासा करते हैं।
उन्होंने कहा, मेरे मन में मोदी के खिलाफ कुछ नहीं है, लेकिन यह बहुत स्पष्ट है कि यदि वाकई राज्य में मोदी लहर होती, तो वे राज्य में मोदी को कई रैलियां करने के लिए बुलाते ही नहीं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रधानमंत्री विधानसभा चुनाव से पहले इतनी रैलियों को संबोधित करेंगे।
शिवसेना अध्यक्ष अपने निवास पर उनसे मिलने आए महाराष्ट्र सिख एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से भेंट के अवसर पर संवादददाताओं को संबोधित कर रहे थे। एसोसिएशन ने शिवसेना का समर्थन करने की घोषणा की है।
महाराष्ट्र बीजेपी के प्रभारी राजीव प्रताप रूडी ने मंगलवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 से 13 अक्टूबर के बीच 22-24 चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
अपने से अलग हुए चचेरे भाई राज ठाकरे से चुनाव बाद गठजोड़ की अटकलें खारिज करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, मैंने उनकी तबीयत के बारे में पता करने के लिए फोन किया, लेकिन हमारे बीच भेंट नहीं हुई। यह महज शिष्टाचार फोन था और यदि मैं उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछने के लिए फोन करता हूं, तो फिर कुछ अन्य लोगों की तबीयत क्यों बिगड़ने लगती है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी के अमेरिका यात्रा से लौटने के बाद केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ शिवसेना नेता अनंत गीते इस्तीफा दे देंगे, उद्धव ने कहा, मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि भविष्य में क्या होगा। लेकिन मोदी के लौटने के बाद हमारी उनसे बातचीत होगी और उसके आधार पर हम अंतिम फैसला करेंगे।
उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को कुछ खास बीजेपी नेताओं की हार सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, मैं किसी के लिए बुरा नहीं सोचता। शिवसेना चुनाव जीतने के लिए लड़ रही है। मैं अपनी ओर से कोई नकारात्मक ताकत नहीं चाहता।
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