फतेहगढ़ /रांची:
जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सुरक्षाबलों पर आतंकियों के हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक पुराने बयान को दोहराते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा सीमा पर डेढ़ साल पहले पांच नागरिकों की हत्या किए जाने के बाद सुरक्षा बलों को स्थायी आदेश दिया था कि हम पहली गोली नहीं दागेंगे, लेकिन अगर पाकिस्तान की ओर से एक भी गोली चलती है, तो हम अपनी गोलियों का हिसाब नहीं रखेंगे।
राजनाथ सिंह ने साथ ही कहा कि शनिवार की घटना में यदि कोई चूक हुई है तो उस पर गौर किया जाएगा तथा घुसपैठ की स्थिति का पता लगाया जाएगा। शनिवार को हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। इस हमले में सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हो गए थे और 25 अन्य घायल हो गए थे।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी इस घटना में पाकिस्तान की संलिप्तता की ओर इशारा किया और कहा कि यह हमला 'हताशा' को दर्शाता है, क्योंकि पिछले एक महीने में पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले 25 से 30 आतंकियों को हमने मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पंपोर हमले की निंदा की और सीआरपीएफ के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राज्य के लोगों पर ऐसे हमलों का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इससे वे विकास एवं रोजगार से वंचित हो जाते हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राजनाथ सिंह ने साथ ही कहा कि शनिवार की घटना में यदि कोई चूक हुई है तो उस पर गौर किया जाएगा तथा घुसपैठ की स्थिति का पता लगाया जाएगा। शनिवार को हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। इस हमले में सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हो गए थे और 25 अन्य घायल हो गए थे।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी इस घटना में पाकिस्तान की संलिप्तता की ओर इशारा किया और कहा कि यह हमला 'हताशा' को दर्शाता है, क्योंकि पिछले एक महीने में पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले 25 से 30 आतंकियों को हमने मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पंपोर हमले की निंदा की और सीआरपीएफ के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राज्य के लोगों पर ऐसे हमलों का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इससे वे विकास एवं रोजगार से वंचित हो जाते हैं।
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