वाइस चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ....
नई दिल्ली:
अगले हफ्ते पाकिस्तानी सीमा से 100 किलोमीटर दूर पोखरण में भारतीय वायुसेना सबसे बड़ा युद्धभ्यास करने जा रही है, लेकिन उससे पहले आज वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि अगर पाकिस्तान और चीन एक-साथ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ देते हैं तो मुकाबला करने के लिए वायुसेना के पास पर्याप्त लड़ाकू विमान नहीं हैं।
सह-वायुसेना प्रमुख एयर वाइस मार्शल बीएस धनोआ आज राजधानी दिल्ली में 18 मार्च से शुरू हो रहे युद्धभ्यास, ‘आयरन-फीस्ट’ के बारे में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान एक सवाल के जवाब में एयर मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि वायुसेना में वर्तमान में 32 स्क्वाड्रन हैं जबकि जरूरत 42 की है। एयर मार्शल ने यह भी कहा कि अनिवार्य सर्विसिंग की वजह से 100 में सिर्फ 55 विमान ही उपलब्ध हो पाते हैं।
आपको ये बता दें कि इस महीने की 18 मार्च को भारतीय वायुसेना राजस्थान के पोखरण में आयरन-फीस्ट नाम की एक्सरसाइज करने जा रही है। एक्सरसाइज में एयरफोर्स के 181 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा ले रहे हैं और इसे वायुसेना का शक्ति-परीक्षण माना जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में आयरन-फीस्ट एक्सरसाइज हो रही है। यह युद्धभ्यास दिन और रात दोनों में होगा।
बीएस धनोआ ने कहा कि कारगिल युद्ध के वक्त भारतीय वायुसेना के पास रात में एयर-ऑपरेशन करने की क्षमता नहीं थी, लेकिन आयरन-फीस्ट में दिखाया जायेगा कि 16 साल बाद वायुसेना नाइट-ऑपरेशन करने का माद्दा ही रखती है। इस युद्धभ्यास का मोटो (आदर्श-वाक्य) है अपनी ‘सबक सिखाने की क्षमता का प्रदर्शन—हथियार सही समय पर सही निशाने पर।
सह-वायुसेना प्रमुख एयर वाइस मार्शल बीएस धनोआ आज राजधानी दिल्ली में 18 मार्च से शुरू हो रहे युद्धभ्यास, ‘आयरन-फीस्ट’ के बारे में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान एक सवाल के जवाब में एयर मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि वायुसेना में वर्तमान में 32 स्क्वाड्रन हैं जबकि जरूरत 42 की है। एयर मार्शल ने यह भी कहा कि अनिवार्य सर्विसिंग की वजह से 100 में सिर्फ 55 विमान ही उपलब्ध हो पाते हैं।
आपको ये बता दें कि इस महीने की 18 मार्च को भारतीय वायुसेना राजस्थान के पोखरण में आयरन-फीस्ट नाम की एक्सरसाइज करने जा रही है। एक्सरसाइज में एयरफोर्स के 181 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा ले रहे हैं और इसे वायुसेना का शक्ति-परीक्षण माना जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में आयरन-फीस्ट एक्सरसाइज हो रही है। यह युद्धभ्यास दिन और रात दोनों में होगा।
बीएस धनोआ ने कहा कि कारगिल युद्ध के वक्त भारतीय वायुसेना के पास रात में एयर-ऑपरेशन करने की क्षमता नहीं थी, लेकिन आयरन-फीस्ट में दिखाया जायेगा कि 16 साल बाद वायुसेना नाइट-ऑपरेशन करने का माद्दा ही रखती है। इस युद्धभ्यास का मोटो (आदर्श-वाक्य) है अपनी ‘सबक सिखाने की क्षमता का प्रदर्शन—हथियार सही समय पर सही निशाने पर।
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