पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई राशि में बढ़ोतरी को लेकर केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेटली और पीयूष गोयल के बयानों पर कांग्रेस ने तीखा हमला किया है. केंद्रीय मंत्रियों ने कहा था कि यह मान लेना कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा काला धन है, गलत होगा. कांग्रेस ने स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर सरकार की ओर से आये बयानों को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जो धन 'काला' हुआ करता था वो 49 महीनों में 'सफेद' हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2013 में दिए गए एक भाषण का हवाला देते हुए, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि हर बच्चा जानता था कि काला धन स्विस बैंक में रखा गया था, कांग्रेस ने सवाल किया कि इनमें से कौन सा बयान सही है: जो पीएम मोदी ने दिया था या जो मंत्रियों ने कहा. कांग्रेस ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों द्वारा स्विटजरलैंड के साथ हुए नए समझौते के जिक्र पर भी निशाना साधा. इस समझौते के तहत 1 जनवरी 2018 से स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा किए गए लेन देन तक भारत सरकार की पहुंच होगी.
कांग्रेस की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'क्यों नहीं 1947 से... आप किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं? कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्विटर के जरिए निशाना साधा. उन्होंने पूछा, 'अगर स्विस बैंकों में जमा पैसा सफेद है तो काला धन कहां है.'
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''मई, 2014 से पहले स्विस बैंकों में जमा धन 'काला' था. मोदी सरकार के 49 महीनों में यह 'सफेद' हो गया है.'' उन्होंने अरुण जेटली और पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कहा, ''दो वित्त मंत्री(?) स्विस बैंक खाताधारकों का बचाव करते हुए कहते हैं कि यह 'गैरकानूनी' नहीं हैं जबकि सीबीडीटी का कहना है कि सितंबर, 2019 से पहले स्विस बैंकों खातों के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं होगी.''
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के एक बयान का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने सवाल किया, ''क्या यह 'फेयर एंड लवली' झूठ है?'' दरअसल, जेटली ने कहा है कि स्विस बैंकों में जमा सारे पैसे गैरकानूनी नहीं हैं. गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में जमा किए गए पैसे में 50 फीसदी से अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपये (1.01 अरब फ्रेंक) हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2013 में दिए गए एक भाषण का हवाला देते हुए, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि हर बच्चा जानता था कि काला धन स्विस बैंक में रखा गया था, कांग्रेस ने सवाल किया कि इनमें से कौन सा बयान सही है: जो पीएम मोदी ने दिया था या जो मंत्रियों ने कहा. कांग्रेस ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों द्वारा स्विटजरलैंड के साथ हुए नए समझौते के जिक्र पर भी निशाना साधा. इस समझौते के तहत 1 जनवरी 2018 से स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा किए गए लेन देन तक भारत सरकार की पहुंच होगी.
कांग्रेस की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'क्यों नहीं 1947 से... आप किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं? कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्विटर के जरिए निशाना साधा. उन्होंने पूछा, 'अगर स्विस बैंकों में जमा पैसा सफेद है तो काला धन कहां है.'
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''मई, 2014 से पहले स्विस बैंकों में जमा धन 'काला' था. मोदी सरकार के 49 महीनों में यह 'सफेद' हो गया है.'' उन्होंने अरुण जेटली और पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कहा, ''दो वित्त मंत्री(?) स्विस बैंक खाताधारकों का बचाव करते हुए कहते हैं कि यह 'गैरकानूनी' नहीं हैं जबकि सीबीडीटी का कहना है कि सितंबर, 2019 से पहले स्विस बैंकों खातों के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं होगी.''
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के एक बयान का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने सवाल किया, ''क्या यह 'फेयर एंड लवली' झूठ है?'' दरअसल, जेटली ने कहा है कि स्विस बैंकों में जमा सारे पैसे गैरकानूनी नहीं हैं. गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में जमा किए गए पैसे में 50 फीसदी से अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपये (1.01 अरब फ्रेंक) हो गया.
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