अगर बिहार में बीजेपी जीती, तो पिछड़े वर्ग का कोई सीएम हो सकता है : NDTV से बोले अरुण जेटली

अगर बिहार में बीजेपी जीती, तो पिछड़े वर्ग का कोई सीएम हो सकता है : NDTV से बोले अरुण जेटली

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अरुण जेटली ने बिहार में एनडीए की बहुमत की सरकार बनने का दावा किया है। NDTV से बातचीत में जेटली ने कहा कि पहले दो दौर में बीजेपी बहुत आगे जा चुकी है। चुनाव के बाद दोबारा नीतीश के साथ आने के सवाल पर जेटली ने कहा कि नीतीश अब बहुत दूर चले गए हैं, दोबारा रिश्ता बनाना संभव नहीं है।

बिहार में 'मुख्‍यमंत्री कौन होगा' के सवाल पर जेटली ने कहा कि 'राज्‍य में सरकार बनने पर पिछड़े वर्ग का भी सीएम हो सकता है, क्योंकि बीजेपी ने हमेशा उनकी आवाज़ की बुलंद है।'

उन्‍होंने कहा, 'बिहार चुनाव में अपने बूते बहुमत पाने पर भी बीजेपी सहयोगी दलों को साथ रखेगी।' उन्‍होंने कहा, 'जेडीयू को अब अपनी औक़ात पता चल गई है। सहयोगी दलों ने बीजेपी का शोषण किया है। खासकर, जेडीयू ने बीजेपी का बहुत शोषण किया, विश्वासघात किया।'

जेटली ने कहा, 'पीएम की रैलियों को रद्द करने की बात सरासर बेमानी है। बिहार में मतदाताओं में उत्साह है और ज्यादा वोटिंग हो रही है। चुनाव में महिलाओं का वोट प्रतिशत अधिक होने की वजह गांवों से पुरूषों का पलायन होना है।'

वित्त मंत्री ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि 'वह दुष्प्रचार के ज़रिए सत्ता पाने की नाकाम कोशिश में है। वो घटनाएं ढूंढकर ट्वीट करते हैं। चुनाव मीडिया नहीं वोटर जिताता है। महागठबंधन समर्थक पत्रकारों से माहौल बनवाकर महाभूल कर रहा है।'

वहीं, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर जेटली ने कहा, 'उन्‍होंने आरक्षण खत्म करने की बात नहीं की। दशहरे पर भागवतजी ने कहा कि सामाजिक न्याय के पक्ष में हैं। संविधान में लिखा है कि गोवंश की रक्षा हो। क्या नेहरू-अंबेडकर सांप्रदायिक थे, जिन्होंने ये कहा?'

पार्टी नेताओं द्वारा कई मुद्दों पर दिए गए बयानों के बाद उठे विवाद को लेकर उनका कहना था कि 'नेताओं से बयानबाज़ी बंद करने को कहा गया है , क्‍योंकि ये जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति-हर विषय पर बोले। उन्हें समझाया ही जा सकता है, सब पर कार्रवाई नहीं हो सकती।'

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वित्त मंत्री ने दाम की बढ़ी कीमतों पर कहा कि 'दाल की बढ़ी क़ीमतें उत्पादन में कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमी की वजह से हुई। दीवाली तक दाल की क़ीमतों में कमी आ जाएगी।' उन्‍होंने कहा, 'पांच सौ चीजों के दाम घटे हैं, सिर्फ दाल की क़ीमतों को मुद्दा बनाना गलत है।'