
महिला IAS ऑफिसर ने हरियाणा सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है
नई दिल्ली:
हरियाणा सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली 28 वर्षीय आईएएस महिला अधिकारी मीडिया के सामने आई है और अपनी आपबीती सुनाई है. महिला आईएएस अधिकारी ने बताया कि सुनील गुलाटी ने मेरा यौन शोषण किया और मुझे धमकी दी. उन्होंने बताया कि ऐसी घटनाएं मेरे साथ पहले भी हुई थीं जब मैं अंबाला, कोस्ली और दबवाली में तैनात थी. इसके बारे में मैंने अधिकारियों से शिकायत की है. मुझे जान का खतरा है. महिला आईपीएस ने बताया कि उन्होंने मुझे रोहतक में बैठक के लिए बुलाया. मुझे उनके साथ 2.30 से 5 बजे तक अकेला रहना पड़ा. उन्होंने मुझे इसके बाद अकेले चंडीगढ़ लौटने का निर्देश दिया. उन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जिन्होंने मुझे पहले भी परेशान किया था.
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वहीं इस मामले में हरियाणा के एडिशनल चीफ सक्रेटरी ने कहा कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह आधारहीन हैं. एक महीने पहले उनकी यहां पोस्टिंग हुई थी. धीरे-धीरे हमें पता चला कि वह परेशानियों का सामना कर रही हैं. मैंने स्टॉफ से उनका ध्यान रखने को कहा, जबकि उन्होंने हमारे साथ दुर्व्यवहार तक किया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना मेरा कर्तव्य है. यह उस भी निर्भर करता है कि वह सीखने सीखने को तैयार है. अगर उसे परेशान किया जा रहा है तो सरकार उसका ट्रांसफर कर सकती है. मैं जांच के लिए तैयार हूं, यहां तक कि मैं लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए भी तैयार हूं.
इससेे पहले महिला अधिकारी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी. उन्होंने लिखा कि उनके बॉस ने उन्हें 22 मई को अपने दफ्तर में बुलाया और उन्हें ‘धमकाया.’ महिला अधिकारी ने लिखा, ‘‘ उन्होंने मुझसे सवाल किया कि मैं फाइलों पर यह क्यों लिख रही हूं कि विभाग ने गलत किया है.’’ पुरूष अधिकारी ने कथित रूप से धमकाया कि अगर उन्होंने आधिकारिक फाइलों पर विपरीत टिप्पणियां लिखना बंद नहीं किया तो उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) को खराब कर दिया जाएगा.
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वरिष्ठ अफसर ने उन्हें 31 मई को बुलाया और किसी को उनके कमरे में नहीं आने देने की अपने स्टाफ को हिदायत दी. महिला अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘‘ उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं किस तरह का काम करना चाहती हूं , मैं विभागीय काम करना चाहती हूं या टाइम पास काम चाहती हूं और फिर उन्होंने मुझसे फाइलों पर विपरीत टिप्पणियां नहीं लिखने को कहा.’’ युवा आईएएस अफसर का इल्जाम है, ‘‘ उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें एक नई- नवेली दुल्हन की तरह सबकुछ समझाना पड़ेगा और वह मुझे उसी तरह से समझा रहे हैं. मुझे उनका व्यवहार अनैतिक लगा.’’ उन्होंने दावा किया कि छह जून को वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें शाम पांच बजे अपने दफ्तर में बुलाया और उनसे शाम 7 बजकर 39 मिनट तक वहीं रहने को कहा.
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उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मेज की दूसरी तरफ उनके सामने बैठी थी. उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी कुर्सी के नजदीक आऊं. जब मैं मेज की दूसरी तरफ पहुंची तो उन्होंने मुझे कंप्यूटर चलाना सिखाने का दिखावा किया. मैं अपनी कुर्सी पर वापस चली गई. कुछ देर बाद वह खड़े हुए और कोई कागज ढूंढते हुए मेरी कुर्सी के करीब आए और कुर्सी को धक्का दिया. महिला ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारी और उनके कुछ सहयोगी अब उन्हें धमका रहे हैं. उन्होंने दावा किया ‘‘अन्य वरिष्ठ महिला अधिकारी ने उन्हें मौखिक आदेश दिए हैं कि मैं कोई लिखित शिकायत नहीं करूं.’’ उन्होंने यह भी लिखा है कि उनकी पुलिस सुरक्षा वापस ले ली गई है और उन्होंने इस घटना के संबंध में राष्ट्रपति को ईमेल भेजा है. जब वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं.
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वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब उनकी नियुक्ति उनके अध्यक्षता वाले महकमे में हुई तो उन्होंने महिला अधिकारी की हर तरह से मदद करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जब वह मेरे कार्यालय में हो तो कोई अन्य भी वहां मौजूद रहे. मुझे नहीं लगता कि वह कुछ मिनटों के सिवाए मेरे कार्यालय में कभी अकेली रही हों.’’ वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘मैंने उनसे हर फाइल पर विपरीत टिप्पणी लिखना बंद करने को कहा और कहा कि किसी अन्य विभाग में लोग उनकी एसीआर को खराब कर सकते हैं.’’ महिला अधिकारी ने अपने वरिष्ठ के दावे को खारिज किया और कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच होने से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा.
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वहीं इस मामले में हरियाणा के एडिशनल चीफ सक्रेटरी ने कहा कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह आधारहीन हैं. एक महीने पहले उनकी यहां पोस्टिंग हुई थी. धीरे-धीरे हमें पता चला कि वह परेशानियों का सामना कर रही हैं. मैंने स्टॉफ से उनका ध्यान रखने को कहा, जबकि उन्होंने हमारे साथ दुर्व्यवहार तक किया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना मेरा कर्तव्य है. यह उस भी निर्भर करता है कि वह सीखने सीखने को तैयार है. अगर उसे परेशान किया जा रहा है तो सरकार उसका ट्रांसफर कर सकती है. मैं जांच के लिए तैयार हूं, यहां तक कि मैं लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए भी तैयार हूं.
इससेे पहले महिला अधिकारी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी. उन्होंने लिखा कि उनके बॉस ने उन्हें 22 मई को अपने दफ्तर में बुलाया और उन्हें ‘धमकाया.’ महिला अधिकारी ने लिखा, ‘‘ उन्होंने मुझसे सवाल किया कि मैं फाइलों पर यह क्यों लिख रही हूं कि विभाग ने गलत किया है.’’ पुरूष अधिकारी ने कथित रूप से धमकाया कि अगर उन्होंने आधिकारिक फाइलों पर विपरीत टिप्पणियां लिखना बंद नहीं किया तो उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) को खराब कर दिया जाएगा.
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उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मेज की दूसरी तरफ उनके सामने बैठी थी. उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी कुर्सी के नजदीक आऊं. जब मैं मेज की दूसरी तरफ पहुंची तो उन्होंने मुझे कंप्यूटर चलाना सिखाने का दिखावा किया. मैं अपनी कुर्सी पर वापस चली गई. कुछ देर बाद वह खड़े हुए और कोई कागज ढूंढते हुए मेरी कुर्सी के करीब आए और कुर्सी को धक्का दिया. महिला ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारी और उनके कुछ सहयोगी अब उन्हें धमका रहे हैं. उन्होंने दावा किया ‘‘अन्य वरिष्ठ महिला अधिकारी ने उन्हें मौखिक आदेश दिए हैं कि मैं कोई लिखित शिकायत नहीं करूं.’’ उन्होंने यह भी लिखा है कि उनकी पुलिस सुरक्षा वापस ले ली गई है और उन्होंने इस घटना के संबंध में राष्ट्रपति को ईमेल भेजा है. जब वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं.
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