कर्नाटक हाइकोर्ट ने आईएस अधिकारी डीके रवि की मौत की अंतरिम रिपोर्ट जारी करने पर रोक लगा दी है। यह रिपोर्ट सोमवार को विधानसभा में पेश होनी थी।
हाईकोर्ट के जस्टिस अब्दुल नज़ीर के सामने आईएएस अधिकारी डीके रवि की महिला मित्र के पति की तरफ से संविधान की धारा 226 के हवाले से गुहार लगाई गई थी कि सीआईडी की प्रारंभिक रिपोर्ट से उनके परिवार की बदनामी होगी और चूंकि यह रिपोर्ट प्रारंभिक है यानी पूरी तहक़ीक़ात के बगैर है तो ऐसे में कोर्ट इस रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में आने से रोके।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील मानते हुए सिद्धारमैया सरकार को हिदायत दी है कि वह इस रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर न रखें, क्योंकि ऐसा करने से यह सार्वजनिक हो जाएगा। हालांकि जस्टिस नज़ीर ने यह साफ़ किया कि सीआईडी की जांच पर किसी तरह की रोक नहीं है, वह अपनी जांच जारी रखे। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
इस बीच आईएएस डीके रवि की मां गौरम्मा ने इंसाफ़ की गुहार लगाते हुए सोनिया गांधी को खुली चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी एक अख़बार में छपी है। चिट्ठी में गौरम्मा ने लिखा है कि उनके बेटे की मौत के बाद से ही ये मांग हो रही है कि मौत का सच सामने आए। रवि के चरित्र पर भी दाग लगाए जा रहे हैं, इसलिए लोगों को हक है कि मौत का सच वह जान सकें। डीके रवि की मां ने लिखा है कि एक मां होने के नाते वह उनका दर्द अच्छे से समझ सकती हैं।
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