नई दि्ल्ली:
चेतावनीभरे लहजों में भारतीय वायुसेना अध्यक्ष ने शनिवार को कहा कि यदि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखता है तो भारत अन्य विकल्पों को आजमाएगा।
एलओसी पर 8 जनवरी को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दो भारतीय सैनिकों की हत्या करने के बाद उनका शव क्षत-विक्षत किए जाने के बाद उत्पन्न तनाव कम करने के लिए भारत की ओर से ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग के प्रस्ताव पर पाकिस्तान की पहल के इंतजार के बीच भारत सरकार ने कूटनीतिक रुख बनाए रखा।
भाजपा ने शनिवार को भी अपना आक्रामक तेवर बनाए रखा और सरकार को पाकिस्तान से उच्चायुक्त को वापस बुलाने और कूटनीतिक रिश्ते तोड़ लेने की सलाह दी।
एयर चीफ मार्शल एनएके ब्रोवने ने पाकिस्तान की ओर से एलओसी और 2003 के संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन को पूरी तरह बर्दाश्त से बाहर बताया। उन्होंने कहा, "हम स्थिति पर सावधानी से निगाह रखे हुए हैं, यदि उल्लंघन जारी रहा तो संभव है कि हम कुछ और विकल्प भी आजमाएं।" हालांकि उन्होंने विकल्पों के बारे में खुलासा करने से इनकार कर दिया।
दूसरी ओर, एनडीटीवी को दिए गए एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि सीमा पर बढ़ते तनाव को अत्यंत जिम्मेदार, संवेदनशील और संयमित व्यवहार की दरकार है। उन्होंने कहा, "हम बदला और प्रतिक्रिया की मांग के दबाव में नहीं आने जा रहे हैं। अपने हितों के दांव पर होने का ध्यान रखते हुए हम वही करेंगे जो देश और शांति के हित में बेहतर होगा। और हम उस पार से भी ऐसे ही रुख की उम्मीद करते हैं।"
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि 8 जनवरी को एलओसी पर घटी घटना को लेकर सरकार अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए रणनीतिक स्तर पर हर संभव प्रयत्न कर रही है।
उधर, भाजपा ने इस मुद्दे पर शनिवार को भी कड़ा रुख बनाए रखा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायुक्त को भारत वापस बुला ले और उसके साथ राजनयिक संबंध तोड़ ले। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर हाल की घटनाएं इस बात का सबूत देती हैं कि पाकिस्तान की मंशा रिश्ते सुधारने की नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि पड़ोसी मुल्क ने संघर्ष विराम का बार-बार उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान के साथ मजबूत विरोध दर्ज नहीं कराया है। उन्होंने गंभीर चेतावनी देने की मांग की।
इस बीच, 8 जनवरी की घटना के बाद से उत्पन्न तनाव कम करने के लिए ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग के प्रस्ताव पर पाकिस्तान की ओर से कोई उत्तर नहीं मिला है।
सेना के एक अधिकारी ने बताया, "हम अभी तक जवाब का इंतजार कर रहे हैं।" अधिकारी ने बताया कि शनिवार को गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है।
एलओसी पर 8 जनवरी को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दो भारतीय सैनिकों की हत्या करने के बाद उनका शव क्षत-विक्षत किए जाने के बाद उत्पन्न तनाव कम करने के लिए भारत की ओर से ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग के प्रस्ताव पर पाकिस्तान की पहल के इंतजार के बीच भारत सरकार ने कूटनीतिक रुख बनाए रखा।
भाजपा ने शनिवार को भी अपना आक्रामक तेवर बनाए रखा और सरकार को पाकिस्तान से उच्चायुक्त को वापस बुलाने और कूटनीतिक रिश्ते तोड़ लेने की सलाह दी।
एयर चीफ मार्शल एनएके ब्रोवने ने पाकिस्तान की ओर से एलओसी और 2003 के संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन को पूरी तरह बर्दाश्त से बाहर बताया। उन्होंने कहा, "हम स्थिति पर सावधानी से निगाह रखे हुए हैं, यदि उल्लंघन जारी रहा तो संभव है कि हम कुछ और विकल्प भी आजमाएं।" हालांकि उन्होंने विकल्पों के बारे में खुलासा करने से इनकार कर दिया।
दूसरी ओर, एनडीटीवी को दिए गए एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि सीमा पर बढ़ते तनाव को अत्यंत जिम्मेदार, संवेदनशील और संयमित व्यवहार की दरकार है। उन्होंने कहा, "हम बदला और प्रतिक्रिया की मांग के दबाव में नहीं आने जा रहे हैं। अपने हितों के दांव पर होने का ध्यान रखते हुए हम वही करेंगे जो देश और शांति के हित में बेहतर होगा। और हम उस पार से भी ऐसे ही रुख की उम्मीद करते हैं।"
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि 8 जनवरी को एलओसी पर घटी घटना को लेकर सरकार अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए रणनीतिक स्तर पर हर संभव प्रयत्न कर रही है।
उधर, भाजपा ने इस मुद्दे पर शनिवार को भी कड़ा रुख बनाए रखा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायुक्त को भारत वापस बुला ले और उसके साथ राजनयिक संबंध तोड़ ले। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर हाल की घटनाएं इस बात का सबूत देती हैं कि पाकिस्तान की मंशा रिश्ते सुधारने की नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि पड़ोसी मुल्क ने संघर्ष विराम का बार-बार उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान के साथ मजबूत विरोध दर्ज नहीं कराया है। उन्होंने गंभीर चेतावनी देने की मांग की।
इस बीच, 8 जनवरी की घटना के बाद से उत्पन्न तनाव कम करने के लिए ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग के प्रस्ताव पर पाकिस्तान की ओर से कोई उत्तर नहीं मिला है।
सेना के एक अधिकारी ने बताया, "हम अभी तक जवाब का इंतजार कर रहे हैं।" अधिकारी ने बताया कि शनिवार को गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है।
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युद्धविराम का उल्लंघन, पाक सेना की गोलीबारी, नियंत्रण रेखा, LOC, Pakistan Army Firing, Ceasefire Violation