हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar) ने कहा है कि अगर वह किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सुनिश्चित नहीं कर पाए तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे. BJP नेता और मुख्यमंत्री खट्टर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के विरोध का राज्य भर में सामना कर रहे हैं. खट्टर ने यह बयान ऐसे वक्त दिया जब सत्तारूढ़ दल को हरियाणा के पांच नगर निकाय चुनाव (Haryana Municipal Election) में से तीन में हार का सामना करना पड़ा है. एएनआई ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के हवाले से कहा कि हम MSP जारी रखने के पक्ष में हैं और किसी ने इस व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया तो वह सियासत छोड़ देंगे.
हरियाणा के डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी (Janta Jannayak Party) के नेता दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने भी इसी माह ऐसा ही बयान दिया था. चौटाला ने कहा था, जब तक मैं सत्ता में हूं, तब तक किसानों के लिए फसलों पर एमएसपी सुनिश्चित कराउंगा.जिस दिन मैं ऐसा करने में नाकाम रहूंगा, उसी दिन पद छोड़ दूंगा. मेयर के तीन चुनावों में से दो में सत्तारूढ़ गठंधन को हिसार के उकलाना और रेवाड़ी के धारुहेरा में मिली है. इन दोनों को चौटाला की पार्टी जेजेपी का गढ़ माना जाता है. सत्तारूढ़ दल सोनीपत और अंबाला (Ambala) में मेयर का चुनाव भी हार गया है.
हार पर अंबाला से बीजेपी विधायक असीम गोयल ने कहा था कि संभवतः दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन ने चुनाव पर असर डाला है. गोयल ने कहा, "सरकार जब अच्छा काम करती है, तो हर कोई एकजुट होकर उसे लक्ष्य पाने से रोकने की कोशिश करता है. हरियाणा में भी ऐसा ही हो रहा है. उनका एजेंडा बेमतलब है, उनका कोई वास्तविक लक्ष्य नहीं है, वे बस बीजेपी को रोकना चाहते हैं. उनका मानना है कि पहले बीजेपी का सामना करो और आपसी मतभेद बाद में सुलझा लिए जाएंगे."
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