बीजेपी नेता कीर्ति आजाद (फाइल फोटो)
पटना:
भाजपा के निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने डीडीसीए मुद्दे को लेकर पार्टी से अपने निलंबन का विरोध करते हुए अपनी बात रखने के लिए प्रधानमंत्री से समय दिए जाने की मांग की है।
आजाद ने साथ ही कहा कि अगर भाजपा उन्हें पार्टी से निष्कासित करती है तो दरभंगा सीट के खाली होने की स्थिति में इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाग्य आजमाएंगे और अरुण जेटली को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित करेंगे।
कीर्ति ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें अभी भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि क्रिकेट से जुड़ी संस्था डीडीसीए में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर उनकी पार्टी ने उन्हें निलंबित क्यों कर दिया जबकि इस मामले का भाजपा से कोई सरोकार नहीं था।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान डीडीसीए मुद्दे के उठने और अपने निलंबन के बाद पहली बार दरभंगा पहुंचे कीर्ति ने कहा कि उन्हें जो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था उसका जवाब उन्होंने दस घंटे के भीतर दे दिया था और उसमें मेरे द्वारा कभी भी पार्टी का अनुशासन तोड़ने को लेकर कोई ठोस बात नहीं कही गयी थी।
उन्होंने कहा कि अपनी कड़ी लगन और मेहनत से दरभंगा संसदीय क्षेत्र को भाजपा के लिए आसान और सुरक्षित सीट बनाया है और अगर भाजपा उन्हें अंतिम रूप से पार्टी से निष्कासित करती है तो वह इस सीट के खाली होने की स्थिति में इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाग्य आजमाएंगे और अरुण जेटली को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित करेंगे।
दरभंगा संसदीय सीट से तीन बार विजयी रहे कीर्ति ने प्रधानमंत्री से एक बार फिर अनुरोध किया कि पूरे मामले को स्पष्ट करने के लिए उन्हें एक मौका दें।
उन्होंने अपने कांग्रेस के साथ संपर्क होने तथा उसमें शामिल होने की चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा है। यह भाजपा के भीतर के कुछ नेताओं द्वारा फैलायी गयी अफवाह है।
आजाद ने साथ ही कहा कि अगर भाजपा उन्हें पार्टी से निष्कासित करती है तो दरभंगा सीट के खाली होने की स्थिति में इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाग्य आजमाएंगे और अरुण जेटली को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित करेंगे।
कीर्ति ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें अभी भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि क्रिकेट से जुड़ी संस्था डीडीसीए में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर उनकी पार्टी ने उन्हें निलंबित क्यों कर दिया जबकि इस मामले का भाजपा से कोई सरोकार नहीं था।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान डीडीसीए मुद्दे के उठने और अपने निलंबन के बाद पहली बार दरभंगा पहुंचे कीर्ति ने कहा कि उन्हें जो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था उसका जवाब उन्होंने दस घंटे के भीतर दे दिया था और उसमें मेरे द्वारा कभी भी पार्टी का अनुशासन तोड़ने को लेकर कोई ठोस बात नहीं कही गयी थी।
उन्होंने कहा कि अपनी कड़ी लगन और मेहनत से दरभंगा संसदीय क्षेत्र को भाजपा के लिए आसान और सुरक्षित सीट बनाया है और अगर भाजपा उन्हें अंतिम रूप से पार्टी से निष्कासित करती है तो वह इस सीट के खाली होने की स्थिति में इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाग्य आजमाएंगे और अरुण जेटली को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित करेंगे।
दरभंगा संसदीय सीट से तीन बार विजयी रहे कीर्ति ने प्रधानमंत्री से एक बार फिर अनुरोध किया कि पूरे मामले को स्पष्ट करने के लिए उन्हें एक मौका दें।
उन्होंने अपने कांग्रेस के साथ संपर्क होने तथा उसमें शामिल होने की चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा है। यह भाजपा के भीतर के कुछ नेताओं द्वारा फैलायी गयी अफवाह है।
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