एसपी सलविंदर सिंह...
पठानकोट:
पठानकोट में 78 घंटों से जारी आपरेशन के बीच उस पुलिस अधिकारी का बयान सामने आया है, जिससे सबसे पहले आतंकियों का सामना हुआ।
गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि आतंकियों ने उन्हें बंधक बना लिया था। उस वक्त वो निहत्थे थे और आतंकी एके 47 जैसे हथियारों से लैस थे। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को नहीं पता था कि मैं एसपी हूं। उन्होंने मेरे हाथ-पैर बांध दिए थे।
(ये भी पढ़ें- पठानकोट आतंकी हमले में कई अनसुलझे सवाल, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संदेह के घेरे में)
एसपी सलविंदर ने कहा, 'मैंने वारदात की सूचना देने में देर नहीं की। मेरी तत्परता की वजह से कई लोगों की जान बच गई। मुझ पर आतंकियों से मिले होने पर गलत आरोप लगा है। मेरे पास हथियार नहीं था, वरना मैं उनसे मुकाबला करता। अगर मेरी आतंकियों से मिलीभगत साबित हुई तो मुझे जान से मार दिया जाए।' उन्होंने आगे कहा, 'आतंकियों ने मेरे हाथ, मुंंह और आंखों पर पट्टी बांध दी थी। आतंकियों को तो बाद में पता चला कि मैं एसपी हूं। आतंकी मुझे ढूंढने वापस अाए थे।'
बीते शुक्रवार एक जनवरी को एसपी सलविंदर सिंह और उनके साथ सफर कर रहे 2 लोगों को आतंकियों ने बंधक बनाकर उनकी गाड़ी और फोन छीन लिया था। एसपी ने अपनी पहचान ज़ाहिर न करते हुए खुद को आम आदमी की तरह पेश कर जान बचाई। उनकी दी गई जानकारी को पंजाब पुलिस ने करीब 12 घंटों तक गंभीरता से नहीं लिया। बाद में केंद्रीय एजेंसियों को सूचना दी गई।
गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि आतंकियों ने उन्हें बंधक बना लिया था। उस वक्त वो निहत्थे थे और आतंकी एके 47 जैसे हथियारों से लैस थे। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को नहीं पता था कि मैं एसपी हूं। उन्होंने मेरे हाथ-पैर बांध दिए थे।
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एसपी सलविंदर ने कहा, 'मैंने वारदात की सूचना देने में देर नहीं की। मेरी तत्परता की वजह से कई लोगों की जान बच गई। मुझ पर आतंकियों से मिले होने पर गलत आरोप लगा है। मेरे पास हथियार नहीं था, वरना मैं उनसे मुकाबला करता। अगर मेरी आतंकियों से मिलीभगत साबित हुई तो मुझे जान से मार दिया जाए।' उन्होंने आगे कहा, 'आतंकियों ने मेरे हाथ, मुंंह और आंखों पर पट्टी बांध दी थी। आतंकियों को तो बाद में पता चला कि मैं एसपी हूं। आतंकी मुझे ढूंढने वापस अाए थे।'
बीते शुक्रवार एक जनवरी को एसपी सलविंदर सिंह और उनके साथ सफर कर रहे 2 लोगों को आतंकियों ने बंधक बनाकर उनकी गाड़ी और फोन छीन लिया था। एसपी ने अपनी पहचान ज़ाहिर न करते हुए खुद को आम आदमी की तरह पेश कर जान बचाई। उनकी दी गई जानकारी को पंजाब पुलिस ने करीब 12 घंटों तक गंभीरता से नहीं लिया। बाद में केंद्रीय एजेंसियों को सूचना दी गई।
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