
महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार (Maharashtra Vikad Aghadi) पर संकट के मंडराते बादलों के बीच शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने सफाई दी है कि उन्होंने कभी भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की जगह एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) को यूपीए का मुखिया बनाने की बात नहीं की. राउत का यह वक्तव्य ऐसे वक्त आया है, जब महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP के बीच उठापटक चल रही है.
शिवसेना प्रवक्ता ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह एनसीपी प्रमुख शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. राउत ने कहा कि उन्होंने केवल इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन को मजबूत किए जाने की जरूरत है. राउत ने स्पष्ट किया कि सभी विपक्षी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत गठबंधन बनाने के लिए एकजुट होने की जरूरत है. राउत इस वक्त महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के निशाने पर हैं, जो उनकी इस सलाह की आलोचना कर रहे हैं, जिसमें शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाने की वकालत की गई है.
उन्होंने कांग्रेस नेताओं की आलोचना के जवाब में कहा,‘मैंने कभी यह नहीं कहा कि सोनिया गांधी की जगह शरद पवार को यूपीए की कमान सौंपी जानी चाहिए. देश की भलाई के लिए गठबंधन को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है. मैंने सिर्फ यह कहा था कि विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत है. मैंने सोनिया गांधी या राहुल गांधी की निन्दा नहीं की है.
इससे पहले संजय राउत एनसीपी के निशाने पर भी आए थे, जब उन्होंने सामना में लिखा था कि अनिल देशमुख एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर हैं. उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि अगर मुंबई पुलिस में वसूली का रैकेट चल रहा था तो देशमुख उससे कैसे अनजान हो सकते हैं. इसके जवाब में डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि सभी लोगों को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जिससे गठबंधन पर आंच आए. वहीं अहमदाबाद में शरद पवार और गृह मंत्री अमित शाह की कथित मुलाकात को लेकर भी सुगबुगाहट तेज है.
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