हैदराबाद एनकाउंटर मामला : जस्टिस सिरपुरकर आयोग ने जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हमने अभी तक रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया है, इसे देखने के बाद ही सुनवाई होगी, फिलहाल रिपोर्ट किसी भी याचिकाकर्ता को नहीं दी जाएगी

हैदराबाद एनकाउंटर मामला : जस्टिस सिरपुरकर आयोग ने जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी

सुप्रीम कोर्ट.

नई दिल्ली:

हैदराबाद एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि जस्टिस सिरपुरकर आयोग ने सीलकवर में रिपोर्ट सौंप दी है. चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हमने अभी तक रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया है, इसे देखने के बाद ही सुनवाई होगी. कोर्ट ने साफ किया कि फिलहाल रिपोर्ट किसी भी याचिकाकर्ता को नहीं दी जाएगी. दरअसल कुछ दिन पहले ही हैदराबाद एनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट के जांच आयोग ने रिपोर्ट दाखिल की है.  दो साल के बाद रिपोर्ट दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट के जांच आयोग रिटायर्ड जज जस्टिस वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में बनाया गया था. हैदराबाद में रेप के चार आरोपियों को पुलिस ने 2019 में कथित मुठभेड़ में मार गिराया था. 

पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग का आखिरी बार कार्यकाल बढ़ाया था. सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए छह महीने का समय और दिया था. चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा था कि अब और विस्तार नहीं दिया जाएगा, यह समय तीसरी बार बढ़ाया गया है. 

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस वीएस सिरपुरकर का आयोग जांच कर रहा है. आयोग ने कोविड के चलते और समय मांगा था. जनवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ा दिया था. यह आयोग हैदराबाद में एक पशु डॉक्‍टर के साथ गैंगरेप और हत्या के चार आरोपियों की मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच कर रहा है. तीन सदस्‍यीय आयोग (Inquiry Commission) ने जांच पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाए जाने की गुहार लगाई थी. 

देश की शीर्ष अदालत ने 12 दिसंबर 2019 को इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग नियुक्त किया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि जांच आयोग उसे छह महीने के भीतर इस मामले की अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंपे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में लंबित कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी. साथ ही SIT से पूरी रिपोर्ट तलब कर ली थी.

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि कोई भी दूसरा प्राधिकारी इस मामले में कोई भी जांच तब तक नहीं करेगा जब तक कि आयोग अपनी रिपोर्ट नहीं दे देता. सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने यह भी आदेश दिया था कि तीन सदस्यीय आयोग को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) सुरक्षा मुहैया कराएगा.

हालांकि आयोग तय समय के भीतर अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत में प्रस्‍तुत नहीं कर सका था. इसके बाद आयोग ने 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से हैदराबाद एनकाउंटर मामले में अंतिम जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए और छह महीने का वक्‍त दिए जाने की गुहार लगाई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने का और समय दे दिया था. इस आयोग में बॉम्बे हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रेखा सोंदूर बल्दोटा (Rekha Sondur Baldota) और पूर्व सीबीआई निदेशक डीआर कार्तिकेयन (DR Karthikeyan) भी शामिल हैं.

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हैदराबाद में 27 नवंबर 2019 को एक महिला पशु चिकित्सक का अपहरण करके कथित रूप से चार बदमाशों ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. बाद में महिला डॉक्‍टर की हत्या कर दी गई थी. लिस ने बताया था कि आरोपियों ने बाद में महिला का शव जला दिया था. इस घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश था. बाद में चारों आरोपी हैदराबाद के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर एक कथित मुठभेड़ में मार गिराए गए थे. पुलिस का दावा है कि इसी राजमार्ग पर 27 वर्षीय पशु चिकित्सक का जला हुआ शव पाया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट में दायर दो अलग-अलग याचिकाओं में दावा किया गया कि कथित मुठभेड़ फर्जी थी और घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.