स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत अभी भी Covid-19 की दूसरी लहर से बाहर नहीं निकल सका है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसे में लोगों को दीवाली, ईद और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों को घर पर भीड़ इकट्ठा किए बिना मनाना चाहिए. नीति आयोगे के सदस्य और कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा, "गणेश चतुर्थी, दिवाली और ईद आने वाले हैं. इस साल भी, पिछले साल की तरह उन्हें प्रतिबंधात्मक तरीके से मनाने की आवश्यकता होगी और हम सभी से घर पर रहने की अपील करते हैं." कोरोनोवायरस महामारी पर स्वास्थ्य मंत्रालय की समाचार ब्रीफिंग में बोलते हुए उन्होंने कहा, "पिछले साल की तरह, त्योहारों को कम तरीके से मनाया जाना चाहिए. किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहनना अनिवार्य है."
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भारत में 16 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक मिल चुकी हैं, 54 प्रतिशत लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है. सामूहिक समारोहों को हतोत्साहित करना होगा, यदि किसी सभा में शामिल होना जरूरी है तो पूर्ण टीकाकरण एक पूर्व शर्त होनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लोगों को घर पर त्योहार मनाने चाहिए, कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें और टीकाकरण करवाएं. भारत में सार्स-सीओवी-2 के डेल्टा प्लस स्वरूप के करीब 300 मामले अब तक सामने आ चुके हैं.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा, "हम अभी भी COVID-19 की दूसरी लहर में हैं और इसलिए देश में सभी से अपील करते हैं कि अपने क्षेत्र में सभी कोविड प्रतिबंधों को जारी रखें. COVID-19 SOPs (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन करें और कोविड-उपयुक्त व्यवहार बनाए रखें."
भारत ने गुरुवार को दो महीनों में COVID-19 मामलों में सबसे बड़ी एक दिन में वृद्धि दर्ज की. घनी आबादी वाला केरल 47,092 नए संक्रमणों में से लगभग 70 प्रतिशत और मौतों का एक तिहाई हिस्सा है.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने केरल की सीमा से लगे तमिलनाडु और कर्नाटक में अपने राज्य के समकक्षों के साथ बात करने के बाद एक बयान में कहा, "केरल में बढ़ते मामलों के साथ, कोविड-19 के अंतर-राज्यीय प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने चाहिए."
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उन्होंने उनसे केरल के नजदीकी जिलों में टीकाकरण बढ़ाने को कहा. भारत ने अब तक 66.2 करोड़ कोरोना टीके की खुराकें दी हैं, जिसमें कम से कम 54 प्रतिशत युवाओं को पहली खुराक दी जा चुकी है. आपूर्ति में सुधार के कारण हाल के दिनों में टीकाकरण बढ़ गया है. और जैसा कि माना जाता है कि दो-तिहाई से अधिक भारतीयों में पहले से ही COVID से लड़ने वाले एंटीबॉडी हैं. मुख्य रूप से प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना से अब पहले जैसे हालात नहीं होंगे जैसा बीते अप्रैल और मई महीने में देखने को मिला था.