देश के 2 लाख 80,000 एलपीजी उपभोक्ताओं ने गैस पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी लेना छोड़ दिया है और अब वक़्त आ गया है कि आर्थिक तौर पर सक्षम तमाम लोग गैस सब्सिडी लेने से खुद मना करें। पीएम मोदी ने दिल्ली में हुए ऊर्जा संगम सम्मेलन में यह अपील की है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘क्या देश में ऐसे लोग नहीं हैं जो कहें: हमें गैंस सब्सिडी की ज़रूरत नहीं है. हम खुद कमाकर गैस खरीद सकते हैं’। प्रधानमंत्री ने आगे बढ़ते हुए कहा, ‘मैं देशवासियों से अपील करता हूं: आइए हम Give It Up Campaign से जुड़ें... हम गैस सब्सिडी को छोड़ें’।
साथ ही ये तय हुआ कि सब्सिडी से हुई बचत का इस्तेमाल गरीबों तक सस्ती गैस पहुंचाने में किया जाएगा। पीएम का इशारा आने वाले दिनों में तेल-गैस आयात पर निर्भरता घटाने की पहल को लेकर है। पीएम ने कहा कि 2022 तक उर्जा से स्रोतों के आयात पर निर्भरता दस पीसदी तक घटाई जाए।
देश के लाखों एलपीजी उपभोक्ताओं तक गैस सब्सिडी का फायदा सीधे उनके बैंक खातों तक पहुंचाने में सफलता के बाद अब प्रधानमंत्री गैस सब्सिडी पुनर्गठित करने की दिशा में सरकार की कोशिश को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। गैस सब्सिडी छोड़ों मुहीम उनकी इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के संपन्न लोगों से सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर छोड़ने की अपील तो जरूर की है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि उनके इस आग्रह को कितने लोग मानते हैं।
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