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This Article is From Apr 23, 2018

नेताजी संबंधी उपलब्ध फाइलों की संख्या का खुलासा करे प्रधानमंत्री कार्यालय : सीआईसी

सुनवाई के दौरान पीएमओ के अधिकारियों ने सीआईसी से कहा कि उनके कार्यालय में बोस से संबद्ध 58 फाइलें थी, जिन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार भेज दिया गया है.

नेताजी संबंधी उपलब्ध फाइलों की संख्या का खुलासा करे प्रधानमंत्री कार्यालय : सीआईसी
नई दिल्‍ली: मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) आर. के. माथुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में उसके पास अब भी मौजूद फाइलों की संख्या का खुलासा करने का निर्देश दिया है. सीआईसी का यह निर्देश शोभित गोयल की एक अर्जी पर आया है. दरअसल, गोयल ने जनवरी 2017 में पीएमओ से उसके पास उपलब्ध सुभाष चंद्र बोस से संबद्ध 1947 से 2017 तक की फाइलों की संख्या, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध फाइलों की संख्या और नष्ट कर दी गई या गुम हो चुकी फाइलों की संख्या बताने का अनुरोध किया था. पीएमओ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गोयल ने सीआईसी का रुख किया और केंद्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) एवं प्रथम अपीलीय प्राधिकार के आदेशों के खिलाफ अपील की. गोयल ने इस बात का जिक्र किया कि पीएमओ ने जवाब के लिए उनकी अर्जी एक महीने से अधिक समय बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के पास भेजी, जबकि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के मुताबिक इसे पांच दिनों में किया जाना चाहिए था.

सुनवाई के दौरान पीएमओ के अधिकारियों ने सीआईसी से कहा कि उनके कार्यालय में बोस से संबद्ध 58 फाइलें थी, जिन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना संवेदनशील प्रकृति की है और इसलिए इस विषय में कार्रवाई करने के लिए संबंद्ध अधिकारी से परामर्श करने में वक्त लगा.

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गोयल ने कहा कि प्रतिवादी ने स्वीकार किया है कि उनके कार्यालय में 58 फाइलें थी, लेकिन पीएमओ में बोस से संबद्ध उपलब्ध फाइलों की संख्या के बारे में उन्हें गलत सूचना दी गई. सीआईसी ने कहा कि आयोग का मानना है कि प्रतिवादी को पीएमओ में नेताजी से संबद्ध उपलब्ध फाइलों की संख्या के बारे में आवदेक को संशोधित जवाब देना चाहिए.

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यह अर्जी पांच जनवरी 2017 को दी गई थी. माथुर ने पीएमओ को उनके आदेश के मुताबिक सात दिनों में जवाब देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पीएमओ को सलाह दी जाती है कि वह सुनिश्चित करे कि आरटीआई अर्जियों का निपटारा वाजिब गंभीरता के साथ किया जाए और आवेदक की आरटीआई अर्जियों को निर्धारित समय के अंदर हस्तांतरित किया जाए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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