गृहमंत्रालय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस आग्रह पर विचार कर सकता है, जिसमें उन्होंने 12 वर्ष पुराने आदेश को वापस लेने क आग्रह किया है, जिसमें किसी भी विधेयक को दिल्ली विधानसभा में पेश किए जाने से पहले केंद्र की मंजूरी प्राप्त करना जरूरी बनाया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि 2002 के आदेश को बिना कानूनी विचार विमर्श को रद्द नहीं किया जा सकता है और गृहमंत्रालय इस मामले पर रुख जाने के लिए विधि मंत्रालय को भेज सकता है।
उन्होंने कहा कि चूंकी आदेश वर्तमान सरकार ने पारित नहीं किया है, इस आदेश के संबंध में कोई भी निर्णय करने से पहले कानूनी पहलुओं की जांच परख की जानी चाहिए।
अधिकारी ने कहा, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री के आग्रह पर निश्चित तौर पर विचार किया जाएगा, लेकिन उपयुक्त कानूनी सलाह और प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।' बहरहाल, महाराष्ट्र से दिल्ली लौटने के बाद गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे इस बारे में अंतिम निर्णय करेंगे।
शिंदे को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि आदेश को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं