नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरेराह चलती बस में एक लड़की से गैंगरेप करने के बाद उसकी बेरहमी से पिटाई किए जाने को लेकर देशभर में फैले आक्रोश के बीच गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संसद को बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं।
गृहमंत्री ने मंगलवार को यह भी जानकारी दी कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा का आकलन करने के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता गृहसचिव करेंगे। समिति यह तय करेगी कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहां-कहां क्या-क्या बदलाव किए जाने ज़रूरी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं द्वारा रात में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले रास्तों की पहचान की जा रही है, और उन पर पुलिस वैन और मोटरसाइकिलों पर गश्त करती रहेगी। इसके अलावा कॉलसेंटरों को भी आदेश दिया गया है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को गाड़ी से घर के दरवाज़े तक ही छुड़वाया जाए।
शिंदे ने संसद को यह भी बताया कि रविवार रात के इस मामले की सुनवाई रोज कराए जाने के लिए भी एक प्रस्ताव दिया जाएगा, ताकि न्याय जल्द कराया जा सके।
दरअसल, संसद में मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था कि वह दिल्ली में महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठा रही है। विपक्ष की नेता बीजेपी की सुषमा स्वराज ने कहा कि रविवार रात के इस जघन्य कांड ने साबित कर दिया है कि रेप, यानि बलात्कार, के दोषियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए।
वैसे, इस मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके कहा कि मामले फरार दो अपराधियों की तलाश लगातार जारी है। उधर, सामूहिक बलात्कार की शिकार मेडिकल छात्रा हॉस्पिटल में होश में आ चुकी है, और उसने लिख-लिखकर डॉक्टरों से बात भी की है, लेकिन उसकी हालत अब भी बेहद गंभीर है। डॉक्टरों के मुताबिक लड़की के आंतरिक अंगों और पेट में काफी गंभीर चोटें आई हैं और अगले 24 घंटे उसके लिए खतरनाक है।
गृहमंत्री ने मंगलवार को यह भी जानकारी दी कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा का आकलन करने के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता गृहसचिव करेंगे। समिति यह तय करेगी कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहां-कहां क्या-क्या बदलाव किए जाने ज़रूरी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं द्वारा रात में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले रास्तों की पहचान की जा रही है, और उन पर पुलिस वैन और मोटरसाइकिलों पर गश्त करती रहेगी। इसके अलावा कॉलसेंटरों को भी आदेश दिया गया है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को गाड़ी से घर के दरवाज़े तक ही छुड़वाया जाए।
शिंदे ने संसद को यह भी बताया कि रविवार रात के इस मामले की सुनवाई रोज कराए जाने के लिए भी एक प्रस्ताव दिया जाएगा, ताकि न्याय जल्द कराया जा सके।
दरअसल, संसद में मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था कि वह दिल्ली में महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठा रही है। विपक्ष की नेता बीजेपी की सुषमा स्वराज ने कहा कि रविवार रात के इस जघन्य कांड ने साबित कर दिया है कि रेप, यानि बलात्कार, के दोषियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए।
वैसे, इस मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके कहा कि मामले फरार दो अपराधियों की तलाश लगातार जारी है। उधर, सामूहिक बलात्कार की शिकार मेडिकल छात्रा हॉस्पिटल में होश में आ चुकी है, और उसने लिख-लिखकर डॉक्टरों से बात भी की है, लेकिन उसकी हालत अब भी बेहद गंभीर है। डॉक्टरों के मुताबिक लड़की के आंतरिक अंगों और पेट में काफी गंभीर चोटें आई हैं और अगले 24 घंटे उसके लिए खतरनाक है।
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