होली के मौके पर देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेफॉर्म Koo App ने जोशीला होली गान- #HarRangKiHoli लॉन्च किया है. इसका मकसद इस बार भारतीयों को अपनी अनूठी परंपराओं को दिखाते हुए रंगों के त्योहार को अपने ढंग से मनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. #HarRangKiHoli- प्रभावशाली शख्सियतों और सितारों के जरिये पूरे भारत से सांस्कृतिक विविधता और लोकाचार को एक साथ मिलाती है. इसमें रंगों और लाठी से खेली जाने वाली उत्तर प्रदेश की लट्ठमार होली की झलक, लोक नृत्य और मार्शल आर्ट को एक साथ मिलाकर पंजाब के होला मोहल्ला, स्थानीय लोगों द्वारा बसंत का स्वागत करने वाला गोवा का जीवंत शिग्मो, भगवान कृष्ण के भव्य जुलूस वाले पश्चिम बंगाल के डोल जात्रा तक का रंग शामिल है. इससे यह गान 'कई संस्कृतियों, एक भावना' को बेहतरीन ढंग से दर्शाता है.कू होली गान को सिद्धार्थ सक्सेना और चंदन जायसवाल ने कंपोज किया है, जिसे चंदन जायसवाल ने गाया है, स्वप्निल तारे ने संगीत दिया है और ऋचा ढोली ने लिखा है.
यह गान भारतीयों को उन सभी अनोखे तरीकों को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित करता है, जिसमें वे अलग-अलग ढंग से एक ही त्योहार मनाते हैं. Koo ऐप पर यूजर्स- #Milerangmeratumhara (#मिले_रंग_मेरा_तुम्हारा) #SabkiBoliHappyHoli (#सबकी_बोली_हैप्पी_होली) #IndiaKiHoli (#इंडिया_की_होली) जैसे हैशटैग के माध्यम से वीडियो और तस्वीरें शेयर कर रहे हैं जो उनके रिवाजों, त्योहार के पकवानों, व्यंजनों और विरासत को बेहतरीन रूप से पेश करते हैं.इस संबंध में कू ऐप के प्रवक्ता ने कहा, "हमारा मंच हर उस चीज़ को सलाम करता है जिसे भारत मनाता है; चाहे वह खेल हो, चुनाव हो, फिल्में हों या त्योहार. होली भारत के सबसे मशहूर त्योहारों में से एक है और इसे राज्यों में अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है. 2022 इसलिए खास है क्योंकि लोगों को अब टीका लगा चुका है और लोग दो साल बाद होली को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाने के लिए उत्सुक हैं. अपनी मूल भाषा में लोगों को खुद को व्यक्त करने का अधिकार देने वाले एक मंच के रूप में कू ऐप- #HarRangKiHoli के जरिये भारत के त्योहारी माहौल को सामने लाने के लिए रोमांचित है. हम सभी को अपने मंच पर आने, अपनी होली परंपराओं को साझा करने और समान विचारधारा वाले लोगों के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित करते हैं. आप सभी को सुरक्षित और खुशियों भरी होली की शुभकामनाएं! ”
Koo App के बारे में बात करें तो इस की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके. भारतीय भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक अनोखे मंच के रूप में Koo App भारतीयों को हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में खुद को ऑनलाइन मुखर बनाने में सक्षम बनाता है. भारत में, जहां 10% से अधिक लोग अंग्रेजी में बातचीत नहीं करते हैं, Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है. मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है. प्लेटफॉर्म 2 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग द्वारा अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं