मुंबई: बॉलीवुड स्टार सलमान खान की सजा और जमानत के लिए हाईकोर्ट में उनके वकीलों ने अपील की और आज होईकोर्ट ने सलमान को सेशंस कोर्ट से मिली सजा पर भी रोक लगा दी। साथ ही सलमान खान की जमानत अवधि भी बढ़ा दी।
सवाल उठा कि अभी दो दिन पहले ही सेशंस कोर्ट ने सलमान खान को हिट एंड रन मामले में पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और अब हाईकोर्ट ने आखिर किन दलीलों पर उनकी सजा पर रोक लगा दी।
पहली दलील
सलमान के वकील ने कोर्ट से कहा कि 304-2 बहस का मुद्दा है क्योंकि बाकी सारी धाराओं में जमानत मिलती है। इसलिए इस पर बहस करनी है।
दूसरी दलील
बचाव पक्ष के वकीलों ने हाईकोर्ट में फिर कहा कि जब दुर्घटना हुई तब गाड़ी में चार लोग थे। यह बात एक सरकारी गवाह भी कोर्ट में कह चुका है, लेकिन इस बात को पुलिस और कोर्ट ने नजरअंदाज कर दिया। और पुलिस के बयान की गाड़ी में तीन लोग थे, को महत्व दिया गया।
तीसरी दलील
बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि सलमान का ड्राइवर अशोक सिंह घटना के दिन ही पुलिस स्टेशन गया था। इस बात का जिक्र जांच अधिकारी ने भी अपनी रिपोर्ट में किया है। लेकिन अशोक सिंह का बयान दर्ज नहीं कराया गया। जांच अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि उसने अशोक सिंह से पूछताछ की थी।
चौथी दलील जो काफी महत्वपूर्ण थी
सलमान के खून में शराब के अंश होने की रिपोर्ट पर ही बचाव पक्ष के वकीलों ने हमला किया। उन्होंने कहा कि ब्लड सैंपल लेने और अस्पताल में पहुंचाने में सही प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया।
पांचवी दलील जो अभी भी पुलिस के रवैये पर सवाल खड़ा करती है
सरकारी गवाह हो या पुलिस, सभी ने यह माना कि सलमान खान के साथ गाड़ी में तीसरा शख्स कमाल खान था। बचाव पक्ष ने कहा कि कमाल खान जो गाड़ी में था, गवाह क्यों नहीं बनाया गया। पुलिस ने जो मर गया (पुलिस कांस्टेबल रवींद्र पाटिल) उसकी गवाही को बतौर सबूत ज्यादा तवज्जो दी।
छठी दलील सरकारी गवाह पुलिस कांस्टेबल पाटिल पर
पुलिस कांस्टेबल पाटिल जो दुर्घटना के समय सलमान खान के साथ बतौर सुरक्षाकर्मी मौजूद था के बयान को इस केस में सबसे अहम मानते हुए कोर्ट ने सलमान खान को सजा दी। वहीं, हाईकोर्ट में बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि सरकारी गवाह पाटिल ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि गाड़ी में चार आदमी थे और अलताफ गाड़ी चला रहा था। लेकिन पुलिस ने उसके इस बयान को तवज्जो नहीं दी और तीन आदमियों की अपनी कहानी पर ही आगे बढ़ी।
सलमान खान को सजा के बाद मिली बेल पर उठे सवाल
मुख्य सरकारी वकील ने अपनी दलीलों के साथ अदालत को गुमराह करने का मुद्दा उठाया। पता चला है कि सत्र न्यायालय के फैसले की कॉपी उसी दिन शाम को सलमान के वकीलों को मिल गई थी। लेकिन अदालत में उन्होंने बताया था कि सिर्फ ऑपरेटिव पार्ट मिला है और उसी बिना पर जज ने सलमान को 2 दिन की राहत दी थी। इसी के साथ सरकारी वकील ने बिना नंबरिंग के सलमान की जमानत की अपील फाइल होने का मुद्दा उठाया तो कोर्ट ने कहा कि मामले को देखा जाएगा और जरूरी कार्रवाई होगी।