हिसार में बाबा रामपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने आश्रम और समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई आज कर दी। पुलिस कार्रवाई से पहले आश्रम के भीतर से गोलियां चलाए जाने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है।
बरनाला में पुलिस द्वारा मीडियाकर्मियों पर हमले को लेकर डीजीपी ने कहा, मीडिया पर हमले की मंशा नहीं थी। मामले की जांच की जाएगी। वहीं पीसीआई ने भी मीडियाकर्मियों पर हमले की निंदा की है।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस मार्कन्डेय काटजू ने कहा, मीडिया की आज़ादी संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(ए) के तहत गारंटीशुदा मौलिक अधिकार है, इसलिए हिसार में मीडियाकर्मियों पर पुलिस का हमला लोकतंत्र में अस्वीकार्य है। मामले की तुरंत गहन जांच कराई जानी चाहिए, और दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों को गंभीर सज़ा दी जानी चाहिए। इसके अलावा किसी भी सामान अथवा मीडियाकर्मियों को हुए नुकसान का मुआवज़ा भी दिया जाना चाहिए।
दरअसल, लाठीचार्ज में पुलिस ने मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया। मीडियाकर्मियों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर भी लाठीचार्ज किया और उनके कैमरे भी छीन लिए गए हैं। साथ ही कुछ मीडियाकर्मियों के मोबाइल भी पुलिस ने छीन लिए हैं।
वहीं, इस लाठीचार्ज में एनडीटीवी के कैमरापर्सन से भी कैमरा छीन कर तोड़ दिया गया है। एनडीटीवी के रिपोर्टर और कैमरामैन पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। पत्रकार सिद्धार्थ पांडेय, पत्रकार मुकेश सेंगर, कैमरामैन सचिन गुप्ता, कैमरामैन फहद तलहा, कैमरामैन अश्विनी मेहरा और कैमरा सहयोगी अशोक मंडल घायल हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि इस खबर पर नजर रखने और दर्शकों तक खबर पहुंचाने के लिए एनडीटीवी के कई टीमें मौक पर थीं। पिछले कई दिनों से ये टीमें लगातार खबर पहुंचा रही थीं।
आज की पुलिस कार्रवाई में एनडीटीवी के कई महंगे उपकरण भी टूट गए जिसकी वजह से लाइव प्रसारण में एनडीटीवी के दिक्कतें आ रही हैं।
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