हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला शहर में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच संभावित संघर्ष के मद्देनजर तनाव बना हुआ है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वयंभू संत रामपाल को सोमवार तक अवमानना मामले में पेश करने का समय दिया है जिसके बाद अधिकारियों ने कई संवेदनशील स्थानों पर निषेधाज्ञा लागू कर दी।
हरियाणा पुलिस समेत आरएएफ, सीआरपीएफ के जवान मौके पर तैनात हैं। महिला समर्थकों की मौजूदगी को देखते हुए महिला पुलिस को भी बुला लिया गया है। बताया जा रहा है कि आश्रम के अंदर रामपाल के करीब 10,000 समर्थक डटे हुए हैं। साथ ही रामपाल के 20,000 कमांडो भी उनकी गिरफ्तारी रोकने के लिए तैनात हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दंगा निरोधी दस्ता, एंबुलेंस, जेसीबी का भी इंतजाम किया गया है।
पुलिस हाइकोर्ट के आदेश पर रामपाल को सोमवार तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने की तैयारी में है, वहीं रामपाल के समर्थक उन्हें किसी कीमत पर गिरफ्तार नहीं होने देना चाहते हैं।
इस बीच रामपाल आश्रम के प्रशासन ने सरकार को चार विकल्प दिए हैं। उनके मुताबिक, रामपाल सोमवार सुबह तक ठीक हो गए तो वह चंडीगढ़ जाएंगे और अगर उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बयान लेने की कोशिश की जाए।
आश्रम प्रशासन की मांग है कि कोर्ट रामपाल को निजी पेशी से राहत दे दे या फिर कोर्ट पुनर्विचार करें और पेशी के लिए दूसरी तारीख़ दे।
इस बीच सूत्र बता रहे हैं कि नीजि तौर पर पेशी से कोर्ट से राहत मिलने की गुंजाइश ना के बराबर है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की संभावना भी कम ही है, क्योंकि इससे पहले 14 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान रामपाल समर्थकों ने हंगामा खड़ा कर दिया था।
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को रामपाल से शांतिपूर्ण तरीके से और बिना किसी अवरोध के खुद अदालत में पेश होने के लिए अपील करते हुए कहा था कि हर किसी को न्यायिक तंत्र की गरिमा को सर्वोच्च स्थान देना चाहिए।
वहां पर कैंप कर रहे हिसार रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एके राव ने रामपाल के अनुयायियों को पुलिस के साथ सहयोग करने और अदालती आदेश की तामील करने को कहा था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले सोमवार को सरकारी की इस दलील को खारिज कर दिया था कि रामपाल अस्वस्थ हैं और उनकी गिरफ्तारी से कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।
अदालत ने बाबा के खिलाफ फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया था और पूछा था कि 2006 के हत्या के एक मामले में उनकी जमानत क्यों नहीं रद्द कर दी जाए। सुरक्षा कर्मियों ने शनिवार को आश्रम के सामने फ्लैग मार्च किया था। प्रशासन ने आसपास के लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा था।
बरवाला शहर से गबीपुर गांव तक सात किलोमीटर के दायरे में सभी भोजनालय-ढाबे बंद हैं। हिसार जिला प्रशासन ने भी आश्रम के आसपास के स्कूलों को तीन दिन बंद रखने का आदेश दिया है। अस्पतालों को हाई अलर्ट कर दिया गया है और 40 एंबुलेंस तैयार रखा गया है।
इससे पहले प्रशासन ने आश्रम को पानी और बिजली की आपूर्ति रोक दी थी। पुलिस इस पर भी नजर रखे हुए है कि रामपाल के अनुयायी चंडीगढ़ की ओर नहीं जा पाएं। अदालत में सोमवार को होने वाली सुनवाई के मद्देनजर इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।
(इनपुट भाषा से भी)
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