भारत में सक्रिय आतंकी संगठनों (Terrorist Organisation) के मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आकाओं पर कार्रवाई करने में नाकाम पाकिस्तान (Pakistan) को प्रतिबंधों से राहत मिलने के संकेत नहीं हैं. अधिकारियों के अनुसार, पाक आतंकी संगठनों औऱ उनकी फंडिंग पर कार्रवाई पर निगरानी रखने वाले संगठन एफएटीएफ (FATF) की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा.
अधिकारियों का कहना है कि फाइनेंसियल एक्शन टॉस्कफोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को राहत के लिए 27 सूत्रीय कार्ययोजना भेजी थी, लेकिन वह आतंकवाद पर कड़े प्रहार से जुड़े अहम लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सका. उसने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और संगठन के ऑपरेशनल कमांडर जकी उर रहमान लखवी जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा. एफएटीएफ हैरान रह गया कि पाक की 7600 आतंकियों की सूची से इस बार चार हजार नाम कैसे गायब हो गए.
एफएटीएफ की डिजिटल बैठक का सत्र 21-23 अक्टूबर तक चलेगा. इसमें मनी लांड्रिंग और आतंकियों की फंडिंग के खिलाफ लड़ाई पाकिस्तान की कार्रवाई की समीक्षा होगी. अधिकारी ने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग रोकने के लिए कुल 27लक्ष्य सौंपे थे, लेकिन इनमें से अभी 21 को ही पूरा किया गया है.
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एफएटीएफ हैरत में है कि कि आतंकवादरोधी कानून की अनुसूची पांच के तहत पाकिस्तान की 7600 आतंकियों की मूल सूची से 4,000 से अधिक नाम अचानक से गायब हो गए. ऐसे में लगभग तय है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा. पाक को ग्रे सूची में डालने की सिफारिश करने वाले चार देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान के कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. अजहर, सईद और लखवी भारत में अनेक आतंकी हमलों में संलिप्तता के लिए सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हैं. संयुक्त राष्ट्र के अलावा अमेरिका ने इन आतंकी कमांडरों पर भारी इनाम घोषित कर रखा है.
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