असम में बोर्ड परीक्षाओं में ''अंक के बदले नकदी'' घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद विपक्षी कांग्रेस ने सोमवार को छात्रों के हित में सुधारात्मक कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के हस्तक्षेप की मांग की. पार्टी ने अधिकारियों से राज्य बोर्डों के तहत कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित रिकॉर्ड-आधारित मूल्यांकन प्रणाली की फिर से जांच करने का भी आग्रह किया.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि पूरे मामले को मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग द्वारा उचित महत्व दिया जाना चाहिए और धोखाधड़ी से जुड़े लोगों को सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ''हमारे छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन प्रणाली की फिर से जांच होनी चाहिए. हम मांग करते हैं कि छात्रों को अगली कक्षा में ले जाने के लिए एक उचित वैज्ञानिक प्रणाली अपनाई जाए.''
सैकिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने रिकॉर्ड-आधारित मूल्यांकन प्रणाली पर तब भी आपत्ति व्यक्त की थी जब पिछले महीने इसकी घोषणा की गई थी.
असम सरकार ने मौजूदा कोविड-19 स्थिति के कारण इस साल की कक्षा 10 और 12 की राज्य बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया था, और छात्रों के मूल्यांकन की प्रक्रिया बताने के लिये दो समितियों का गठन किया गया था. दोनों समितियों ने अपनी सिफारिशें अधिकारियों को सौंप दी थीं.
असम पुलिस ने रविवार को राज्य बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में पैसे के एवज में ज्यादा अंक देने के घोटाले का पर्दाफाश किया था और इस सिलसिले में कामरूप जिले से दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
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