वाशिंगटन:
समूचा हिमालयी क्षेत्र पिछले साल नेपाल में आए भूकंप से भी बड़ी आपदा के जोखिम का सामना कर सकता है। एक नये अध्ययन में पाया गया है। पिछले साल 25 अप्रैल को नेपाल में भूकंप आया था जिसमें 8,000 से अधिक लोग मारे गए थे। यह स्थान दुनिया के भूकंप संभावित क्षेत्रों में आता है। भारतीय प्लेट यूरेशियाई प्लेट के नीचे हलचल कर रही है।
7. 8 की तीव्रता से भूकंप से काठमांडो और अन्य शहरों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा था। भूकंप के बाद अध्ययनकर्ताओं ने किसी गतिविधि की निगरानी करने के लिए शीघ्र ही जीपीएस तैनात किए। उन्होंने पृथ्वी की सतह में बदलाव पर गौर करने के लिए इंटरफेरोमेट्रिक सिंथेटिक एपर्चर रडार (इनएसएआर) का भी उपयोग किया।
सीआईआरईएस के एक छात्र और अध्ययन से जुड़े रोजर बिलहम ने बताया कि समूचे हिमालय क्षेत्र के नीचे दर्जनों ऐसी जगह हो सकती हैं जहां से उर्जा भविष्य में बड़े भूकंप के तौर पर बाहर निकलने का इंतजार कर रही है। यह अध्ययन जर्नल नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित हुआ है।
7. 8 की तीव्रता से भूकंप से काठमांडो और अन्य शहरों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा था। भूकंप के बाद अध्ययनकर्ताओं ने किसी गतिविधि की निगरानी करने के लिए शीघ्र ही जीपीएस तैनात किए। उन्होंने पृथ्वी की सतह में बदलाव पर गौर करने के लिए इंटरफेरोमेट्रिक सिंथेटिक एपर्चर रडार (इनएसएआर) का भी उपयोग किया।
सीआईआरईएस के एक छात्र और अध्ययन से जुड़े रोजर बिलहम ने बताया कि समूचे हिमालय क्षेत्र के नीचे दर्जनों ऐसी जगह हो सकती हैं जहां से उर्जा भविष्य में बड़े भूकंप के तौर पर बाहर निकलने का इंतजार कर रही है। यह अध्ययन जर्नल नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित हुआ है।
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