दिल्ली पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति को चुनौती वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि राकेश अस्थाना ( Rakesh Asthana) का अपेक्षित न्यूनतम कार्यकाल छह महीने नहीं था, इसलिए उनकी नियुक्ति के लिए यूपीएससी का पैनल नहीं बनाया गया और फैसले में दिए गए निर्देशानुसार न्यूनतम दो वर्ष के कार्यकाल के मापदंड को नजरअंदाज किया गया.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति को चुनौती वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

Rakesh Asthana ने Delhi Police Commissioner का चार्ज पहले ही संभाल लिया है

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी. गैर सरकारी संगठन CPIL और एक अन्य की याचिका पर हाईकोर्ट ने ये नोटिस जारी किया है.  दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती मामले में गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ( CP) ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर दी है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ राकेश अस्थाना से भी जवाब मांगा है.

वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि हाईकोर्ट में पहले से दायर याचिका उनके द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में याचिका की प्रत्यक्ष रूप से कॉपी पेस्ट है. तर्क दिया गया है कि यह निर्णय प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है.

उन्होंने कहा अस्थाना का अपेक्षित न्यूनतम कार्यकाल छह महीने नहीं था, इसलिए उनकी नियुक्ति के लिए यूपीएससी का कोई पैनल नहीं बनाया गया और फैसले में दिए गए निर्देशानुसार न्यूनतम दो वर्ष के कार्यकाल के मापदंड को नजरअंदाज कर दिया गया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाना की नियुक्ति पर याचिका पर  दो हफ्ते में फैसला करने को कहा था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर वकील प्रशांत भूषण को अपना पक्ष रखने की अनुमति भी दी. भूषण ने कहा, मैं अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने रखूंगा. साथ ही यह भी हाई कोर्ट में याचिककर्ता सदर आलम की दाखिल याचिका को खारिज करने की भी मांग की. भूषण ने कहा कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल मेरी याचिका को ही कॉपी कर दाखिल की गई है.. इसलिए इसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाए.

हाई कोर्ट ने केंद्र को इस मामले पर नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. इस नोटिस को केंद्र की ओर से पेश अमित महाजन ने हाई कोर्ट की नोटिस स्वीकार किया है.अब हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते करेगा.

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