व्यापमं का दफ्तर (फाइल फोटो)
जबलपुर:
व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अपील पर जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला लेने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि चूंकि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए अब यह उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर है।
बता दें कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई होनी है।
व्यापमं घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह और तीन व्हीसलब्लोअर डॉ. आनंद राय, आशीष चतुर्वेदी और प्रशांत पांडेय की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी। दो अलग अलग याचिकाएं दाखिल कि गई हैं। पहली में मांग कि गई है कि तत्काल प्रभाव से राज्यपाल को हटाया जाना चाहिए क्योंकि व्यापमं घोटाला मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध है। दूसरी याचिका में हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें हाई कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ दर्ज FIR को रद्द कर दिया था।
इधर व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच कराने की शिवराज सिंह चौहान की गुज़ारिश पर हाइकोर्ट ने कोई फ़ैसला लेने से इनकार कर दिया। ये कहते हुए कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है- उसके दायरे से बाहर है। इधर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मसले पर सुनवाई होनी है। लेकिन उससे पहले ही अग्रिम जमानत के मामले सुन रही सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने सुझाव दिया है कि व्यापमं के जमानत मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच होनी चाहिए।
साफ है कि डबल बेंच ने एक तरह से इशारा किया है कि व्यापमं घोटाला आम मामला नहीं है। इसी के साथ अब कांग्रेस और अन्य लोगों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग को और मजबूती मिली है। अब गुरुवार को साफ होगा कि व्यापमं की सीबीआई जांच मंज़ूर होती है या नहीं, और सुप्रीम कोर्ट इसकी निगरानी करता है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट में एक अपील दायर की गई थी। इस अपील में सरकार की ओर से यह गुजारिश की गई थी कि व्यापमं मामले की जांच सीबीआई से करवाने की इजाजत दी जाए।
मंगलवार को ही एक संवाददातात सम्मेलन में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में एसटीएफ कर रही है और बिना हाईकोर्ट की इजाजत के सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट एसटीएफ की जांच से संतुष्ट था और पहले भी सीबीआई जांच की अपील को खारिज कर चुका था। चौहान ने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी जांच पर संतुष्टि जताई थी।
वहीं, विपक्षी दल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। इस घोटाले से संबंद्ध करीब 40 लोगों की मौत के बाद से मामला और गर्मा गया था।
बता दें कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई होनी है।
व्यापमं घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह और तीन व्हीसलब्लोअर डॉ. आनंद राय, आशीष चतुर्वेदी और प्रशांत पांडेय की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी। दो अलग अलग याचिकाएं दाखिल कि गई हैं। पहली में मांग कि गई है कि तत्काल प्रभाव से राज्यपाल को हटाया जाना चाहिए क्योंकि व्यापमं घोटाला मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध है। दूसरी याचिका में हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें हाई कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ दर्ज FIR को रद्द कर दिया था।
इधर व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच कराने की शिवराज सिंह चौहान की गुज़ारिश पर हाइकोर्ट ने कोई फ़ैसला लेने से इनकार कर दिया। ये कहते हुए कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है- उसके दायरे से बाहर है। इधर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मसले पर सुनवाई होनी है। लेकिन उससे पहले ही अग्रिम जमानत के मामले सुन रही सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने सुझाव दिया है कि व्यापमं के जमानत मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच होनी चाहिए।
साफ है कि डबल बेंच ने एक तरह से इशारा किया है कि व्यापमं घोटाला आम मामला नहीं है। इसी के साथ अब कांग्रेस और अन्य लोगों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग को और मजबूती मिली है। अब गुरुवार को साफ होगा कि व्यापमं की सीबीआई जांच मंज़ूर होती है या नहीं, और सुप्रीम कोर्ट इसकी निगरानी करता है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट में एक अपील दायर की गई थी। इस अपील में सरकार की ओर से यह गुजारिश की गई थी कि व्यापमं मामले की जांच सीबीआई से करवाने की इजाजत दी जाए।
मंगलवार को ही एक संवाददातात सम्मेलन में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में एसटीएफ कर रही है और बिना हाईकोर्ट की इजाजत के सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट एसटीएफ की जांच से संतुष्ट था और पहले भी सीबीआई जांच की अपील को खारिज कर चुका था। चौहान ने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी जांच पर संतुष्टि जताई थी।
वहीं, विपक्षी दल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। इस घोटाले से संबंद्ध करीब 40 लोगों की मौत के बाद से मामला और गर्मा गया था।
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