नई दिल्ली:
सीबीआई और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का एक संयुक्त दल 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के लिए सोमवार को इटली रवाना होगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अंतिम समय में कुछ औपचारिकताओं की वजह से दल की रवानगी में विलंब हुआ। जांच के उद्देश्य से विदेश रवाना होने के पहले इन औपचारिकताओं को पूरा किया जाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि दल मामले के विवरणों का पता लगाने के लिए इतालवी अभियोजकों से मिलेगा।
सूत्रों ने बताया कि दल में सीबीआई के एक डीआईजी, एजेंसी का एक विधि अधिकारी, रक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी और विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि वह मामले में 362 करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी के संबंध में रक्षा मंत्रालय से कुछ आधिकारिक सूचना पाने में विफल रही।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अंतिम समय में कुछ औपचारिकताओं की वजह से दल की रवानगी में विलंब हुआ। जांच के उद्देश्य से विदेश रवाना होने के पहले इन औपचारिकताओं को पूरा किया जाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि दल मामले के विवरणों का पता लगाने के लिए इतालवी अभियोजकों से मिलेगा।
सूत्रों ने बताया कि दल में सीबीआई के एक डीआईजी, एजेंसी का एक विधि अधिकारी, रक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी और विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि वह मामले में 362 करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी के संबंध में रक्षा मंत्रालय से कुछ आधिकारिक सूचना पाने में विफल रही।
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